पटना: एक चिकित्सक के वीआरएस की फाइल ढाई साल तक बाबुओं के चंगुल में फंसी रही. इस फाइल के साथ खेल खेलनेवाले स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं को चिह्न्ति कर कार्रवाई करने का आदेश सरकार ने दे दिया है.
मेडिकल ऑफिसर डॉ राजेश वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग में 24 मई, 2011 को वीआरएस के लिए आवेदन दिया था. इसकी फाइल चार-छह माह तक एक-एक बाबू के पास पड़ी रही.
डॉ वर्मा अनुमति का इंतजार करते रहे. उन्होंने कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया. जब से स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेवारी मुख्यमंत्री के पास गयी है, तब से फाइलों के निष्पादन में तेजी आयी है. इसी क्रम में इस फाइल पर भी मुख्यमंत्री की सहमति मिली, साथ ही इसमें विलंब करनेवाले बाबुओं की पहचान कर कार्रवाई करने का भी आदेश आ गया.