Advertisement
जनता चलायेगी बिहार की सरकार : नीतीश
ट्विटर पर नीतीश कुमार के जवाब मेरा विश्वास, बड़े बहुमत से बनायेंगे सरकार विधान परिषद् का हूं सदस्य, चुनाव लड़ना अनिवार्य नहीं पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार खुल कर ट्विटर पर आये और सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने आज तक […]
ट्विटर पर नीतीश कुमार के जवाब
मेरा विश्वास, बड़े बहुमत से बनायेंगे सरकार
विधान परिषद् का हूं सदस्य, चुनाव लड़ना अनिवार्य नहीं
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार खुल कर ट्विटर पर आये और सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने आज तक की न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप के सवालों के जवाब दिये.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले चरण में भारी मतदान माहौल को महागंठबंधन के पक्ष में दर्शाता है. पहले चरण के चुनाव से जुड़ी जितनी सूचनाएं अब तक मिली हैं वह दिखाती हैं कि महागठबंधन को पहले ही दौर में भारी बढ़त मिली है और मेरा विश्वास है कि हम एक बड़े बहुमत से सरकार बनायेंगे.
राजद के साथ गंठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव व्यक्तियों से ऊपर, दो राजनीतिक सोच के साथ-साथ दो विकास मॉडल के बीच का चुनाव है. बिहार के लोग इन चुनावों में अपने लिए सरकार चुनने के साथ यह भी तय करेंगे कि जनता किस तरह की राजनीतिक सोच और विकास मॉडल चाहती है.
लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है सरकार का रिमोट कंट्रोल बिहार की जनता के हाथ में होगी. मेरी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ विकास है. राजनीतिक गंठबंधन समय और संदर्भ के मुताबिक बदल सकते हैं, लेकिन जरूरी है कि विकास सर्वोपरी बना रहे. विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में इन बातों का फैसला जनता करती है. बिहार में उच्च सदन भी है और मैं बिहार विधान परिषद का सदस्य हूं. इसीलिए मुख्यमंत्री पद के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना अनिवार्य नहीं है.
बिहार विधानसभा चुनाव में भाषा की मर्यादा टूटने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि वे इससे सहमत हैं कि इस चुनाव में कई मौकों पर लोगों के द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग हुआ है, इससे सबको बचना चाहिए. इसकी शुरुआत भाजपा की तरफ से हुई है. विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कुछ ऐसी टिप्पणियां की गयी जो कि प्रधानमंत्री पद के गरिमा के अनुसार नहीं है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा भी उसी भाषा शैली के इस्तेमाल के जवाब में सीएम ने कहा कि हर व्यक्ति के बात करने की एक अपनी शैली होती है. मेरा मानना है कि बिहार के इस चुनाव में अमर्यादित भाषा का प्रयोग भाजपा की तरफ से शुरू हुआ है. परिस्थिति बदलने पर भाजपा से हाथ मिलाने के सवाल से नीतीश कुमार ने इनकार करते हुए कहा कि एेसी कोई संभावना ही नहीं है.
फिर से सरकार बनने के बाद जदयू या राजद के ज्यादा मंत्री होंगे के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि निश्चिन्त रहें और मुझपर भरोसा रखें. राज्य की प्राथमिकताओं को देखते हुए जो उचित होगा वह लिया जायेगा. सरकार बनने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद हावी रहेंगे और जंगलराज लौटेगा के सवाल सीएम ने कहा कि इस तरह की बातों से कुछ लोग अपने राजनीतिक हित के लिए जनता में भय का माहौल बनाना चाहते हैं.
बिहार की जनता इन बातों को बखूबी समझती है. महागंठबंधन को मिल रहा भारी जन समर्थन दर्शाता है कि ऐसे दुष्प्रचार का जनता पर कोई असर नहीं. कानून व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार का शायद ही कोई ऐसा इलाका है जहां महिलाएं शाम के समय बेख़ौफ़ होकर घर से बाहर न निकल सके.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा के मामले में देश के बड़े राज्यों में तमिलनाडू के बाद बिहार दूसरे नंबर पर आता है. मुख्यमंत्री ने जनता परिवार, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, अपने सात निश्चय बिजली, सड़क व रोजगार से संबंधित सवालों के भी जवाब दिये.
अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ सकते प्रधानमंत्री
अमेरिकी प्रशासन की रिपोर्ट में भारत के धार्मिक आजादी पर किये गये सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि देश में सरकार और सरकार से जुड़े सारे व्यक्तियों का सभी जाति और समुदायों के प्रति न्यायोचित व्यवहार होना चाहिए, जिससे सामाजिक सहिष्णुता बनी रहे और विकास की धारा में सबकी बराबर की भागीदारी हो.
दादरी जैसी घटनाएं जो हमारे देश के ताने-बाने को खतरे में डालती हैं, उनकी पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार पर डाल कर देश के प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ सकते. सरकार बनने दीजिए. सबको उनकी योग्यता और अनुभव अनुरूप ज़िम्मेदारी दी जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement