हाइटेक चोरी. 2013 से सक्रिय है अमित का गैंग, कुछ बैंक क्लर्क भी हैं शामिल
पटना : एसएससी, पैरा मिलिट्री फोर्स, बैंक पीओ तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करनेवाला अमित की तलाश जारी है. पुलिस के अनुसंधान में चौंकानेवाली बात सामने आयी है.
पता चला है कि वर्ष 2013 से अमित कुमार सक्रिय है. उसकी पैठ सरकारी दफ्तरों तक है, जहां से कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से पेपर लीक होता है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या बैंक क्लर्कों की है. पुलिस इस लाइन पर काम कर रही है और 24 घंटे पहले मुजफ्फरपुर की पुलिस ने यूको बैंक के क्लर्क को हिरासत में लिया है. अब पटना पुलिस भी उससे पूछताछ करेगी.
मुजफ्फरपुर के एनएल मिश्रा कैंपस स्थित यूको बैंक में स्थानीय पुलिस ने मंगलवार को छापेमारी की. यहां से बैंक क्लर्क संतोष कुमार को हिरासत में लिया गया है. उसके पास से एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, दो बैग मिले हैं. पुलिस उसके लैपटॉप और मोबाइल से क्लू हासिल करने में लगी हुई है.
पुलिस को संदेह है कि संतोष कुमार बैंक में नौकरी कतरे हुए अमित के लिए काम करता है और बैंक पीओ के पेपर लीक कराने में मदद करता है. वह पटना के फुलवारी का रहनेवाला है और रोज पटना से मुजफ्फरपुर आता-जाता है. इसके अलावा अमित के गैंग में कुछ और बैंक कर्मी के शामिल होने की बात कही जा रही है. पुलिस पदाधिकारी की मानें तो पटना में रविवार को जो कंट्रोल रूम पकड़ा गया उसमें शामिल लोग बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं. इनसे पूछताछ में कुछ जानकारी मिली है, अगर कुछ और गिरफ्तारी होती है, तो कई चेहरे बेनकाब होंगे.
अमित की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई राज
अगर पुलिस अमित कुमार की गिरफ्तारी कर लेती है, तो कई राज खुलेंगे. इसमें पेपर लीक करने में मदद करनेवाले सरकारी महकमे के लोगोें के चेहरे भी उजागर होंगे. इसके आलवा गैंग की मदद से प्रतियोगी परीक्षा पास करनेवाले लोगों को भी पकड़ा जा सकता है. उनके अंक पत्रों की जांच हो सकती है. दूसरे राज्यों के लोग भी इस लपेटे में आयेंगे, जो इस नेटवर्क के साथ जुड़े हैं और काम कर रहे हैं.
फिर नालंदा व फुलवारी में छापेमारी
नालंदा के रहनेवाले अमित की गिरफ्तारी के लिए बुधवार को भी छापेमारी की गयी. पटना पुलिस ने फुलवारी, नालंदा में उसके डेरे पर दबिश दिया, पर वह हाथ नहीं लगा. वहीं उसके कुछ रिश्तेदारों से पुलिस पूछताछ कर रही है. पटना पुलिस अमित की गिरफ्तारी को महत्वपूर्ण मान रही है.