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726 कंपनी फोर्स के जिम्मे होगी विस चुनाव की कमान
तैयारी. सीआरपीएफ की 200 कंपनियों की तैनाती पटना : बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव कराना बेहद चुनौतीपूर्ण है, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में. इस बार के विधानसभा चुनाव में खासतौर से चौकसी बरतने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की तैनाती की जा रही है. सीएपीएफ और दूसरे राज्यों के फोर्स को मिलाकर 726 कंपनी […]
तैयारी. सीआरपीएफ की 200 कंपनियों की तैनाती
पटना : बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव कराना बेहद चुनौतीपूर्ण है, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में. इस बार के विधानसभा चुनाव में खासतौर से चौकसी बरतने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की तैनाती की जा रही है.
सीएपीएफ और दूसरे राज्यों के फोर्स को मिलाकर 726 कंपनी पुलिस बल चुनाव कार्य में लगाये गये हैं. यह जानकारी सीआरपीएफ डीजी प्रकाश मिश्रा ने शनिवार को अपने मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि नक्सली क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सीआरपीएफ की विशेष कंपनी की तैनाती की गयी है.
इस बार सीआरपीएफ की सबसे ज्यादा 200 कंपनियां तैनात की गयी हैं. इसमें 29 कंपनियां एक-दो दिन में बिहार पहुंच जायेंगी. इस दौरान सीआरपीएफ के आइजी (ऑपरेशन) जुल्फिकार हसन, आइजीपी (बिहार प्रक्षेत्र) अरूण कुमार, डिप्टी कमांडेंट सुधीर चौधरी, डिप्टी कमांडेंट (इंटेलिजेंस) करूणा राय समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
डीजी ने पहले, दूसरे और तीसरे चरण में जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाले उन्हें सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा चुनौतीपूर्ण बताया. सुरक्षा का जायजा लेने और इसकी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शनिवार की सुबह जमुई क्षेत्र का सघन दौरा किया, साथ ही यहां के डीएम, एसपी समेत सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी की. इसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने कहा कि सीएपीएफ के जवानों को सभी क्षेत्रों में नाका ड्यूटी, फ्लैग मार्च, गश्ती, आरओपी (रोड ओपनिंग पार्टी) या प्रमुख चौक-चौराहों पर तैनाती समेत तमाम कार्यों में बड़े स्तर पर लगाया गया है, ताकि वोटरों में किसी तरह का भय नहीं हो और शांतिपूर्ण मतदान कराने में मदद मिले.
लैंड माइंस और विस्फोटकों को लेकर खास चौकसी : चुनाव के दौरान लैंड माइंस और विस्फोटकों से बचाव के लिए खासतौर से चौकसी रखी जायेगी. नक्सली क्षेत्रों में लैंड माइंस से बचाव के लिए लगातार डिमाइनिंग ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं. आइइडी जैसे तमाम जटिल विस्फोटकों की जांच और बचाव के लिए पुणे से विशेषज्ञों को बुलाया गया है. किसी स्थिति में इनकी मदद ली जा सके.
किसकी कितनी संख्या
सशस्त्र बल कंपनी
सीआरपीएफ 200
बीएसएफ 121
सीआइएसएफ 115
एसएसबी 103
आइटीबीपी 55
आरपीएफ 60
अन्य राज्यों के पुलिस बल 72
(इसमें कर्नाटक, सिक्किम, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों की पुलिस शामिल है.)
10 कंपनी आरएएफ
पहली बार 10 कंपनी आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) तैनात किये गये हैं. इन्हें बिहारशरीफ, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज समेत तमाम दंगा की आशंका वाले क्षेत्रों में खासतौर से शांति बनाये रखने के लिए तैनात किया गया है. आरएएफ किसी तनाव वाली स्थिति से निबटने के लिए खासतौर से प्रशिक्षित होते हैं. प्रत्येक चरण के चुनाव में वायु सेना का एक-एक चॉपर खासतौर से तैनात रहेगा. इसके अलावा सीआरपीएफ के चॉपर भी बैक-अप में रहेंगे. नक्सली क्षेत्रों में चॉपरों से निगरानी की जायेगी. एयर एंबुलेंस समेत अन्य संसाधन भी उपलब्ध रहेंगे.
नक्सली पर 2-8, अर्द्ध नक्सली बूथों पर 1-4 कमांडो
पटना : राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए इस बार सभी बूथों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की तैनाती होगी.
अलग-अलग क्षेत्रों और जरूरतों के हिसाब से सीएपीएफ की तैनाती होगी. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (श्रेणी-ए) में मौजूद बूथों में 2-8 और अर्द्ध-नक्सल (श्रेणी- बी एवं सी) प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद बूथों में 1-4 के हिसाब के फॉर्मूले से सीएपीएफ के कमांडों की तैनाती की जायेगी. सामान्य इलाकों में मौजूद बूथों में जरूरत के मुताबिक कमांडो लगाये जायेंगे. इसके अलावा नक्सली और सांप्रदायिक या जातिगत समेत अन्य रूप से संवेदनशील इलाकों में भी सीएपीएफ की तैनाती होगी. इन इलाकों में इनकी नियमित पेट्रोलिंग भी होगी.
नक्सली क्षेत्रों में पेट्रोलिंग के लिए बख्तरबंद गाड़ियों का भी केंद्रीय फोर्स उपयोग करेंगे. शनिवार को सीआरपीएफ के डीजी प्रकाश मिश्रा ने बिहार पुलिस के खूफिया विभाग समेत अन्य विभागों के आला अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. इस दौरान चुनाव में सुरक्षा समेत अन्य संबंधित बातों पर विस्तार से चर्चा हुई.
चुनाव के दौरान राज्य में जिन-जिन वीवीआइपी को जेड प्लस और जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी जाती है. चुनाव के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था को ज्यादा दुरुस्त रखने की भी समीक्षा की गयी. बिहार में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व सीएम लालू प्रसाद, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी समेत 15 विशिष्ट लोगों की सुरक्षा सीआरपीएफ मुहैया कराती है. ये लोग जेड प्लस और जेड श्रेणी में आते हैं. चुनावी कार्यक्रम के दौरान इनकी गतिविधि काफी ज्यादा होती है. इस कारण सुरक्षा की व्यवस्था हमेशा अचूक बनाये रखना बड़ी चुनौती होती है. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने इस पर विचार-विमर्श किया.
2-8 और 1-4 का अर्थ
2-8 का मतलब किसी बूथ पर दो हवलदार, एसआइ या अन्य रैंक के पदाधिकारी के साथ आठ सिपाही या कमांडो रहते हैं. किसी स्थान पर सुरक्षा के लिए यह सबसे सशक्त यूनिट होती है. 1-4 का मतलब एक हवलदार या एसआइ रैंक के पदाधिकारी के साथ चार सिपाही की तैनाती.
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