पटना : विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि राक्षसों की सेना कौन है, इसका जवाब 8 नवंबर को उन्हें मिल जाएगा. बिहार की जनता अपने फैसले से खुद तय कर देगी कि राक्षसों की सेना कौन है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए बिहार के विकास की लड़ाई लड़ रहा है, इसलिए हम विकास की सेना हैं. दूसरी ओर, उन दलों का गंठबंधन है, जिन्होंने 60 साल तक बिहार में सिर्फ विनाश किया है और विनाश किसकी सेना करती है, ये जनता जानती है.
करनी तो इनकी कुछ है नहीं और अब कथनी भी पतन की सीमा पार कर चुकी है. जब हार की हताशा सिर चढ़ कर बोल रही है तो ये लोग विकास, जनहित, युवा, किसान, महिलाएं, गरीबों-वंचितों के मुद्दे भला कैसे याद रखेंगे. इन्हें तो बस भाजपा को कोसना है, जातिवाद की बात करनी है, सामाजिक सदभाव बिगाड़ कर वोट की रोटी सेंकनी है. न मुद्दा है, न नीति है, न उपलब्धि है, न इनके साथ जनता है. सिर्फ झूठ, दुष्प्रचार के सहारे ये लोग चुनाव लड़ रहे हैं. नीतीश कुमार को ये दिख ही नहीं रहा कि भाजपा से अलग होने के बाद उन्होंने बिहार का क्या हाल बनाकर रख दिया है.
एक भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां विकास का एक भी काम हो रहा है. सब कुछ ठप पड़ा हुआ है. बिहार के नौजवानों के रोजगार के लिए राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है, जदयू-राजद-कांग्रेस गंठबंधन की सरकार ने कुल मिलाकर 60 साल तक बिहार में सरकार चलाई और शिक्षा-रोजगार का बंटाधार करके रख दिया. 60 साल में इन दलों ने बिहार का जितना नुकसान किया है, 60 महीने में एनडीए की सरकार परिवर्तन करके दिखा देगी.