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आध्यात्मिक है भारतीय संगीत की पृष्ठभूमि

पटना सिटी: नयी पीढ़ी में राष्ट्र भावना का संचार के लिए रविवार को भारत विकास परिषद की ओर से प्रांत स्तरीय राष्ट्रगीत प्रतियोगिता करायी गयी. उद्घाटन पद्मश्री गजेंद्र नारायण सिंह ने किया़ उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत की पृष्ठभूमि आध्यात्मिक है, जिसके बगैर भारतीय संस्कृति अधूरी है. कार्यक्रम में नालंदा खुला विश्विविद्यालय के डॉ भूपेंद्र […]

पटना सिटी: नयी पीढ़ी में राष्ट्र भावना का संचार के लिए रविवार को भारत विकास परिषद की ओर से प्रांत स्तरीय राष्ट्रगीत प्रतियोगिता करायी गयी. उद्घाटन पद्मश्री गजेंद्र नारायण सिंह ने किया़ उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत की पृष्ठभूमि आध्यात्मिक है, जिसके बगैर भारतीय संस्कृति अधूरी है. कार्यक्रम में नालंदा खुला विश्विविद्यालय के डॉ भूपेंद्र कलशी ने संस्कृति परोकार को रेखाकिंत किया.

प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों में चेतना स्वर के जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, राजगृह को प्रथम व डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल बरबीघा को द्वितीय स्थान मिला. इसी प्रकार वंदे मारतम व क्षेत्रीय गीत प्रतियोगिता में डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल को प्रथम व जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, राजगृह को द्वितीय स्थान मिला. प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में कलाकार सुरेंद्र कुमार यादव, क्षत्रानंद सिंह उर्फ बटुक भाई व कामलेंद्र झा थे.

कार्यक्रम में हिसुआ शाखा के अध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार सिन्हा को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सम्मानित किये जाने पर अभिनंदन किया गया.

अतिथियों का स्वागत प्रांतीय अध्यक्ष प्रो शिव भगवान गुप्ता ने किया़ संचालन मोहन चतुर्वेदी ने किया. मौके पर विकलांग सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल जैन, उदयचंद गुप्ता, संजय ड्रोलिया, अशोक गुप्ता, पांचू राम, विजय अरोड़ा आदि मौजूद थे. महासचिव विवेक माथुर के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन हुआ.

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