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महाराष्ट्र के खिलाफ आवाज करें बुलंद
ऑटो परमिट में मराठी की अनिवार्यता के मामले में वशिष्ठ बोले महाराष्ट्र सरकार का बिहार विरोधी चेहरा आया सामने पटना : महाराष्ट्र सरकार के मराठी बोलने के नये फरमान की जदयू ने तीखी आलोचना की है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का फरमान संघीय व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न […]
ऑटो परमिट में मराठी की अनिवार्यता के मामले में वशिष्ठ बोले
महाराष्ट्र सरकार का बिहार विरोधी चेहरा आया सामने
पटना : महाराष्ट्र सरकार के मराठी बोलने के नये फरमान की जदयू ने तीखी आलोचना की है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का फरमान संघीय व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाया है.
जो लोग इसके प्रति संवेदनशील हैं और राजनीतिक दलों की परिधि से बाहर आकर एकजुट होना होगा और उसका विरोध करना होगा. झारखंड में सरकार बनी तो क्षेत्रवाद शुरू हो गया. इसकी शुरुआत कुछ प्रदेश से शुरू किया गया है, जिससे राष्ट्रीय अखंडता की भावना चूर-चूर गो गया है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लोगों से महाराष्ट्र के इस बयान के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है.पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार का बिहार विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
भाजपा बात तो राष्ट्रवाद का करती है, लेकिन उसका काम क्षेत्रवाद फैलाने का है. महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि एक नवंबर से महाराष्ट्र में जो मराठी बोलेगा वही ऑटो-टैक्सी चलायेगा. साथ ही 15 साल से जो लोग रह रहे हैं. डोमेसाइल के आधार पर उसे परमिट दिया जायेगा. महाराष्ट्र सरकार ने 1.40 लाख परमिट को कैंसिल कर दिया है. इससे एक परिवार के पांच सदस्य के आधार पर करीब सात लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि पहले भी बिहारियों के साथ महाराष्ट्र में गलत व्यवहार हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन बिहारियों से कितना प्यार है पता चल गया. महाराष्ट्र में उत्तर भारष के 2.50 लाख लोग ऑटो व दो लाख लोग टैक्सी चलाते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी भाषा का विरोध में काम किया है. झारखंड में भी नौकरी में बिहार के लोगों की नियुक्ति नहीं करने का फरमान जारी किया जा चुका है.
महाराष्ट्र सरकार अपने बयान को वापस लें, नहीं को बिहार की जनता चुनाव में उचित जवाब देगी. वहीं, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का बयान संघीय ढांचे का अपमान है. दूसरे प्रदेश में भी सभी जगह के लोग रहते हैं, वहां तो उनके साथ भेदभाव नहीं होता है. प्रेस कांफ्रेंस में प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार, प्रवक्ता डा. अजय आलोक, डा. निहोरा प्रसाद यादव व प्रदेश महासचिव डा. नवीन कुमार आर्य मौजूद थे.
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