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जंगलराज की बात कर ऊंची जातियों को डरा रही भाजपा
जदयू प्रवक्ताओं ने की टिप्पणी जब नीतीश के नहीं हुए मांझी, तो भाजपा के क्या होंगे? पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया यात्र के बाद जदयू प्रवक्ताओं ने उन पर हमला बोला है. सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह और प्रवक्ता डा […]
जदयू प्रवक्ताओं ने की टिप्पणी
जब नीतीश के नहीं हुए मांझी, तो भाजपा के क्या होंगे?
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया यात्र के बाद जदयू प्रवक्ताओं ने उन पर हमला बोला है. सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह और प्रवक्ता डा अजय आलोक ने कहा कि प्रधानमंत्री समेत भाजपा के लोग बार-बार जंगल राज की बात कर ऊंची जातियों को डराने का काम कर रहे हैं. जिस प्रकार उन्होंने गंठबंधन के एक नेता का नाम लिये बगैर जो आरोप लगाये, उससे पूरे यादव समाज को उन्होंने गाली दी है.
भाजपा नेता सुशील मोदी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को नीतीश-लालू कह कर संबोधित कर रहे थे. यह कहां का संस्कार है. भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है.
अब तक अच्छा दिन आये का बात थी, लेकिन अब तो दिन-महीने निकल गये, लगता है 2019 में वे कहेंगे कि अच्छे साल आयेंगे. जदयू के मुख्य प्रवक्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा जीतन राम मांझी को जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनाया इसके बाद भी वे उनके नहीं हो सके तो वे भाजपा के क्या होंगे?
मांझी जी ने गया सम्मेलन से पहले कहा था कि रैली में 75 फीसदी से ज्यादा लोग उनके रहेंगे, मगध क्षेत्र में भाजपा का जनाधार नहीं है व वह कमजोर स्थिति में है और मेरे लोगों ने भगवा टोपी पहनने से इनकार कर दिया है. इस पर भाजपा को जवाब देना चाहिए.
संजय सिंह ने हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी द्वारा दिये गये भाषण की भी निंदा की और राजनीति में मर्यादित भाषा का प्रयोग करने अपील की.
पीएम दो बार आये, लेकिन नहीं गये महाबोधि मंदिर : डॉ अजय
जदयू प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते हैं कि जब वे बौद्ध धर्म को माननेवाले राष्ट्रों में जाते हैं तो लोग कहते हैं कि जब भी भारत जायेंगे तो बोधगया व महाबोधि मंदिर जरूर जायेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री दो-दो बार गया आ चुके हैं पर वे एक बार भी महाबोधि मंदिर नहीं गये.
प्रधानमंत्री से बिहार की जनता को बहुत आशा थी, लेकिन गया की रैली में उनके बोल नहीं सुनाई दिये. रविवार को ऐतिहासिक दिन था, महात्मा गांधी ने अगस्त क्रांति इस दिन शुरू की थी, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने गांधी जी का नाम लेना भी मुनासिब नहीं समझा. वे तो गोडसे के माननेवाले हैं. हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के जनसंख्या को पटना से भी कम बताया. पटना जिले की आबादी से दोगुनी उत्तराखंड की आबादी है.
इंजीनियरिंग कॉलेज की सीटों की भी उन्होंने बात की. पिछले 10 सालों में ही 13 हजार सीटों की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विधानसभा को लेकर लगनेवाले आचार संहिता से पहले ही जो वादा उन्होंने किया है उसे पूरा करने की घोषणा कर दें.
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