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क्लिक करते ही जमीन मालिक का नाम हाजिर
नहीं लगाने पड़ेंगे अंचल कार्यालयों के चक्कर पटना : रजिस्टर टू और सर्वे खतियान से जुड़ी परेशानी शीघ्र दूर होगी. हर मौजा के एक-एक प्लॉट के मालिकाना हक और खतियान का डिटेल्स एक क्लिक पर मिलेगा. पटना जिले में दस्तावेजों का कंप्यूटराइजेशन का काम शुरू हो गया है. पहले सभी मौजा के रजिस्टर टू को […]
नहीं लगाने पड़ेंगे अंचल कार्यालयों के चक्कर
पटना : रजिस्टर टू और सर्वे खतियान से जुड़ी परेशानी शीघ्र दूर होगी. हर मौजा के एक-एक प्लॉट के मालिकाना हक और खतियान का डिटेल्स एक क्लिक पर मिलेगा. पटना जिले में दस्तावेजों का कंप्यूटराइजेशन का काम शुरू हो गया है. पहले सभी मौजा के रजिस्टर टू को स्कैन कर पीडीएफ फाइल बन रही है.
उसकी कॉपी मौजावार बनायी जा रही है. यह काम पूरा होने के बाद रजिस्टर टू प्रखंड वार वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. इसे भूमि सुधार विभाग के साथ पटना जिला की वेबसाइट पर भी ढूंढ़ा जा सकेगा. साथ ही एक कॉपी अंचल, एक कॉपी अनुमंडल और दो कॉपी जिला कार्यालय (एक कॉपी अभिलेखागार)में भी उपलब्ध होगी.
रजिस्टर टू कॉपी सुरक्षित
अभी पटना जिले के 23 अंचलों में अधिकतर रजिस्टर टू खस्ताहाल में हैं. उनके पóो इतने पुराने हो गये हैं कि उसे बेहतर तरीके से संरक्षित रखना बेहद मुश्किल है. स्कैनिंग का काम शुरू होने के बाद रजिस्टर टू हमेशा के सुरक्षित हो जायेगा. भले ही पóो पुराने हो जाएं या फिर वह खराब होने की स्थिति में आ जाये. जब भी आवश्यकता होगी वेबसाइट पर मौजूद इसके ‘ अभिलेखागार ’ से चंद मिनटों में ढूंढ़ लिया जायेगा.
पांच माह में स्कैन कॉपी तैयार
अभी फुलवारीशरीफ के सभी मौजा के रजिस्टर टू की स्कैन कॉपी तैयार हो चुकी है. काम में लगी सुप्रब एजेंसी की मानें तो पांच महीने में जिले का मौजावार कॉपी फाइल में तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया जायेगा. रजिस्टर टू का काम पूरा होने के बाद 1906 में हुए सर्वे खतियान की कॉपी स्कैन कर वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी.
यह होगा फायदा
रजिस्टर टू के कंप्यूटराइजेशन के बाद जमीन की खरीद-बिक्री में सहूलियत होगी. अगर आपको पटना में जमीन खरीदनी है और आप जानना चाहते हैं कि वह जमीन किस व्यक्ति के नाम पर है? इसके लिए फिलहाल संबंधित अंचल की दौड़ लगानी पड़ती है. अंचल के हलका कर्मचारी को ढूंढ़ना होता है और उससे रजिस्टर टू में जमीन का मालिकाना हक बताने कीखुशामद करते हैं. कभी तो आपको इसके लिए कई चक्कर लगानेपड़ते हैं और अधिकतर मामलों में कर्मचारी को बिना चढ़ावा चढ़ाये आपका काम बहुत मुश्किल से होता है. कई मामलों में ऐसा भी होता है कि आपकी रैयती जमीन पर कोई दबंग दावा कर देता है कि जमीन तो उसकी है. आप कैसे इस पर हक जमा रहे हैं? पट्टेदार भी जब जमीन पर हक जमाने लगता है, तो फिर आप खतियान की कॉपी के लिए संघर्ष करते हैं.
पटना जिले में सभी मौजा के रजिस्टर टू की सॉफ्ट कॉपी तैयार करायी जा रही है. अब कोई भी व्यक्ति इसे बिल्कुल आसानी से वेबसाइट पर ढूंढ़ सकेगा. इसकी आसानी से उपलब्धता के कारण जमीन विवाद के साथ ठगी के मामलों में भी कमी आयेगी. अंचल कर्मचारियों की गड़बड़ी भी सामने आयेगी.
-अभय कुमार सिंह, डीएम, पटना
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