पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि यदि उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया होता तो उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं हुआ होता. वह लालू बाबू कहलाते. स्थानीय रवींद्र भवन में बिहार राज्य नोनिया-बिंद-बेलदार महासंघ के राज्यस्तरीय अधिकार सम्मेलन को संबोधित करने आये राजद अध्यक्ष ने कहा कि वोट का राज का मतलब होता है छोट (छोटी जातियों) का राज.
वोट की राजनीति नहीं रहती तो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनते. वोट की राजनीति के कारण ही जीतन राम मांझी भी मुख्यमंत्री बने. लालू ने कहा कि मेरे राज में मांझी राज्य मंत्री बने, जबकि नीतीश कुमार ने उनको मुख्यमंत्री बना दिया. राजद के शासनकाल में सभी जातियों को पटना में बुला कर सम्मेलन होता था. छोटी जातियों के सम्मेलन के पीछे मकसद था. तभी 15 साल का शासन रहा.
उन्होंने कहा कि बीजेपी को वह ढाहने का काम करेंगे. लालू प्रसाद ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश के 65 फीसदी लोग भूमिहीन हैं. 51 फीसदी मजदूर हैं. 13 फीसदी के पास एक कमरा भी नहीं है. देश में 6.65 लाख लोग भीख मांगते हैं. लोकसभा चुनाव में 2014 के दंगल में लोग फंस गये. उन्होंने आह्वान किया कि 27 को पूरा बिहार बंद रहेगा. उसके एक दिन पहले गांधी मैदान में उपवास रखा गया है. लोग पूछेंगे कि लालू ने आखिर उपवास क्यों किया. उसके घर में खाना नहीं है. तो साफ है कि पहले केंद्र जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी करे. इसके पूर्व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि इतिहास में छोटी का स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी पीएम परदेशिया बने हुए हैं. अब वह इतिहास बदलने का काम कर रहे हैं. आखिर इतिहास में नोनिया-बिंद व बेलदार जातियां पीछे क्यों रह गयी. महासम्मेलन को विधान परिषद सदस्य हीरा प्रसाद बिंद, पूर्व आइएएस अधिकारी केपी रमैय्या, आनंद मोहन सिंह, खखन महतो, टुनटुन प्रसाद, संघ के अध्यक्ष धर्मेद्र चौहान, भारती मेहता, जय किशन चौहान, ललन महतो, सिपाही महतो, सोनू चौहान आदि ने संबोधित किया.
भाजपा फोन से फूंक कर मैसेज देती है
राजद अध्यक्ष ने कहा कि अब के नेता मोबाइलवाला हो गया है. भाजपा फोन से फूंक कर मैसेज देती है, उसी में सब फंस गया. उन्होंने बताया कि स्विस बैंक में कालाधन वापस लाने का नारा देनेवाली भाजपा का दिल काला धन है. गरीब का चेहरा मुरझाया है और पूंजीपतियों की सरकार में बैठे लोगों का चेहरा कमल जैसा खिला है. नरेंद्र मोदी ने जाति जनगणना की रिपोर्ट कैद कर लिया है. रिपोर्ट जारी नहीं किया तो गरीबों को टिड्डी जैसा नरेंद्र मोदी पर चढ़ा देंगे.
उन्होंने आगाह किया कि रिपोर्ट जारी होगा तब न आबादी के अनुपात में टिकट व आरक्षण की बात होगी. रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि किस जाति का कितनी आबादी है तो उसके लिए बजट क्या बनेगा. उन्होंने बताया कि अपने शासनकाल में राजधानी में मुसहर समाज का बड़े लोगों के बराबर मकान बनाया. इस काम के लिए भाजपा ने नारा दिया जंगलराज. जब गुजरात जलाया तो उसका हो गया मंगलराज. तुरहा जाति के लोगों ने अपने को अनुसूचित जाति में शामिल कराने और कुम्हार समाज के लोगों ने भी एससी में शामिल कराने की मांग कर रहे हैं. लाठी अलग-अलग होने पर मांग पूरी नहीं होगी. रिपोर्ट जब तक नहीं आता तब आदिवासी बना देने से आरक्षण व मंडल का लाभ नहीं मिलेगा.