इसके लिए विभागीय अधिकारी लगे हुए हैं. नयी नियुक्ति प्रक्रिया में नियोजन इकाईवार आवेदन नहीं लिये जायेंगे, बल्कि एक ही जगह जिला स्तर पर आवेदन लिये जायेंगे. अभ्यर्थी एक जिले में एक ही आवेदन कर सकेंगे. इसमें अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ कुछ नियोजन इकाइयों का ऑप्शन भी देने की सुविधा होगी, जिसमें प्राथमिकता और मेधा क्रम में आने पर उनका नियोजन हो सकेगा. जिले से नियोजन इकाईवार वरीयता सूची तैयार की जायेगी और चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के नियोजन इकाई को दे दिया जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने जा रही है.
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अब जिला स्तर पर देना होगा आवेदन
पटना: शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है. शिक्षक नियुक्ति की जो नयी प्रक्रिया शुरू होनेवाली है, उसमें नियोजन इकाई की जगह जिला स्तर पर आवेदन लिये जायेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग में एक्सरसाइज चल रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले नयी नियुक्ति प्रक्रिया का शिडय़ूल जारी किया जा […]
पटना: शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है. शिक्षक नियुक्ति की जो नयी प्रक्रिया शुरू होनेवाली है, उसमें नियोजन इकाई की जगह जिला स्तर पर आवेदन लिये जायेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग में एक्सरसाइज चल रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले नयी नियुक्ति प्रक्रिया का शिडय़ूल जारी किया जा सकता है.
अब तक हुई नियुक्ति प्रक्रिया में नियोजन इकाईवार आवेदन लिये जाते थे. इससे अभ्यर्थियों को कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने पर कोई पाबंदी नहीं थी. इसकी वजह से अभ्यर्थियों को परेशानी के साथ नियोजन प्रक्रिया भी लंबी खिंचती थी. नियमावली के संशोधन का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट भेजा जायेगा और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया का शिडय़ूल जारी कर दिया जायेगा. शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें, तो प्रदेश में टीइटी-एसटीइटी पास बहुत से अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं हो सका है. इसलिए जिला स्तर पर एक मेधा सूची तैयार होने से ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकेगी.
इस साल भी नहीं होगी टीइटी-एसटीइटी
इस साल भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) और स्पेशल शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) नहीं हो सकेगी. क्लास एक से पांच व क्लास छह से आठ के लिए टीइटी और क्लास नौ से 12 तक की एसटीइटी 2011 में ही हुई थी. उसके बाद से अब तक टीइटी-एसटीइटी का आयोजन नहीं किया जा सका है. टीइटी-एसटीइटी को हर साल ली जानी थी, लेकिन पिछले चार सालों से दोबारा इसका आयोजन नहीं हो सका है. इसका आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को करना है. इस साल की शुरुआत में तय भी हुआ था कि 28-29 मार्च को इसका आयोजन किया जायेगा, लेकिन मैट्रिक-इंटरमीडिएट की परीक्षा का हवाला देकर इसे स्थगित कर दिया गया. अब तो शिक्षा विभाग के मंत्री पीके शाही और प्रधान सचिव आरके महाजन ने भी संकेत दे दिये हैं कि इस साल टीइटी-एसटीइटी नहीं होगी. शिक्षा मंत्री का साफ कहना है कि टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थियों के डिग्री की मान्यता सात सालों के लिए है. अभी नियुक्ति प्रक्रिया चल ही रही है और हमारे पास टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी बहुत हैं. ऐसे में फिलहाल इसके आयोजन की जरूरत ही है.
कई विषयों के टीइटी-एसटीइटी पास अभ्यर्थी ज्यादा और उसकी सीटें कम हैं. ऐसे में नियोजन इकाईवार जो नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, उसमें संशोधन किया जा रहा है. आनेवाली नियुक्ति प्रक्रिया में जिला स्तर पर सेंट्रलाइज रूप से एक ही आवेदन लिये जायेंगे. इसके लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है.
आरके महाजन, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग
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