पटना. आध्यात्मिक सत्संग समिति की ओर से आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कृष्ण प्रिया ने नारद के पूर्व चरित्र का प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि व्यासजी को जब भागवत लिखने के लिए कहा गया, तब उन्हें कुछ याद नहीं आया. आखिरकार ब्रह्मदेव के कहने पर उन्होंने नारद के पूर्व चरित्र का वर्णन लिखा. नागा बाबा ठाकुर बाड़ी में आयोजित कथा प्रसंग में उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि कथा श्रवण से ही कलियुग में मानव का उद्धार हो सकता है. इसलिए जब भी मौका मिले, तो कथा पुराण सुनना चाहिए. श्री प्रिया ने कहा कि भागवत कथा भगवान के मुख से निकली निर्मल वाणी है. इसके श्रवण मात्र से जीवन नैया का बेड़ा पार हो सकता है. इस लिए कथा नियमित व सच्चे भाव से सुनना चाहिए. इस दौरान भजन कीर्तन भी हुआ, जिसमें भक्तों ने कृष्ण के जय कारे लगाये.
कथा में नारद के पूर्व चरित्र का हुआ वर्णन
पटना. आध्यात्मिक सत्संग समिति की ओर से आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कृष्ण प्रिया ने नारद के पूर्व चरित्र का प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि व्यासजी को जब भागवत लिखने के लिए कहा गया, तब उन्हें कुछ याद नहीं आया. आखिरकार ब्रह्मदेव के कहने पर उन्होंने नारद के पूर्व चरित्र का वर्णन […]
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