मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नर और डीएम के साथ योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये निर्देश
पटना : राज्य में लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) 2011 में लागू कर इसके तहत निर्धारित समयसीमा में आम लोगों को सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना लक्ष्य था. परंतु चार साल बाद ही यह सेवा प्रभावहीन साबित होते दिख रही है. कई जिलों में डीएम के स्तर पर मॉनीटरिंग में लापरवाही के कारण यह कानून लोगों के परेशानी का सबब बनता जा रहा है.
कई मामलों में समय पर लोगों को सेवा नहीं मिलने के बाद भी दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. राज्य के छह जिलों में आरटीपीएस दम तोड़ता नजर आ रहा है. खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में सहरसा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, अररिया, अरवल और सारण शामिल हैं. मुख्य सचिव ने गंगा पाथ-वे की बाधा को एक महीने में दूर करने का निर्देश भी दिया.
शुक्रवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में आठ विभागों के तहत चलने वाली सभी प्रमुख जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान योजनावार सभी कमिश्नर और डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की गयी. उन्होंने सभी डीएम को आरटीपीएस को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका और सहायिका के खाली पड़े सभी पदों को जल्द भरने का निर्देश दिया. आरटीपीएस काउंटरों का निरीक्षण करने में तीन जिलों के डीएम ध्यान नहीं देते.
इसमें समस्तीपुर, भोजपुर और सुपौल शामिल हैं. आरटीपीएस के तहत समय पर सेवा नहीं देने की सबसे ज्यादा शिकायत विभिन्न प्रमाण-पत्र और दाखिल खारिज के मामले में मिली है.
इस दौरान स्वास्थ्य प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, पंचायती राज के प्रधान सचिव सुधीर राकेश, पर्यावरण प्रधान सचिव विवेक सिंह, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार, योजना सचिव दीपक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग सचिव प्रदीप कुमार, समाज कल्याण सचिव अरविंद चौधरी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक समेत अन्य मौजूद थे.
पथ निर्माण विभाग
यह बात सामने आयी कि राज्य के सभी राज्य राजमार्ग (एसएच), गंगा पाथ-वे और भारत-नेपाल बॉर्डर पर बनने वाली सड़कों का निर्माण जमीन की वजह से रुका हुआ है. सड़क निर्माण में जमीन के कारण आने वाली बाधा को एक महीने में दूर करने का निर्देश सीएस ने सभी डीएम को दिया.
स्वास्थ्य
कालाजार के बचाव पर खास ध्यान देते हुए निरंतर छिड़काव करने का निर्देश. 7 जुलाई से शुरू हो रहे मुख्यमंत्री सघन टीकाकरण अभियान को सफल बनाने पर खास ध्यान देने को कहा. मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए पूरजोर कोशिश और आशा कार्यकर्ताओं का वेतन भुगतान समय पर किया जाये.
ग्रामीण विकास विभाग
यह बात सामने आयी कि इंदिरा आवास में दूसरी किस्त केंद्र से नहीं मिलने के कारण जिलों को राशि नहीं मिल रही है. राज्य में 60 ऐसे प्रखंड हैं, जहां मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में एक भी जॉब कार्ड नहीं बना है. सीएस ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी जांच करने को कहा. अब सामाजिक वाणिकी के तहत वन विभाग से पौधे लिये जायेंगे.
एससी-एसटी
जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम कमेटी की बैठक निरंतर हो. कई जिलों में इसकी बैठक नहीं होती है.
पंचायती राज
पंचायत सरकार भवन निर्माण में बेगूसराय, शिवहर, सुपौल और पूर्णिया में 28 स्थानों पर जमीन
नहीं मिलने के कारण दिक्कत आ रही है.
बीसी-इबीसी विभाग
पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा छात्रवृत्ति का वितरण जल्द शुरू करने को कहा. सीवान और पटना में जननायक कपरूरी पिछड़ा छात्रवास जमीन के कारण नहीं बन पा रहा है.
अल्पसंख्यक विभाग
प्री-मैट्रिक और सीएम प्रोत्साहन योजना का रुपये समय पर देने को कहा.