नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि भारत ने पिछले 40-50 साल में कोई युद्ध नहीं लड़ा है, इसलिए देश में सेना का महत्व कम हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ करने की कोशिश की कि उनके इस बयान को युद्ध को बढ़ावा देने के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. जयपुर में आयोजित एक कार्यक्र म में उन्होंने कहा कि अफसरों की दो पीढि़यां बिना कोई युद्ध देखे रिटायर हो गयीं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आर्मी के प्रति सम्मान कम हो जाना चाहिए. उन्होंने आगे जोड़ा कि जो देश अपनी सेना का सम्मान नहीं कर सकता, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि शांति के वक्त में लोगों में आर्मी के प्रति सम्मान कम हो जाता है. पहले सेना के किसी कमांडिंग ऑफिसर्स का लेटर आइएएस अधिकारी को आता था, तो वे उसे बहुत गंभीरता से लेते थे, लेकिन अब कहीं-कहीं आइएएस अधिकारी उसको गंभीरता से लेते हंै, तो कहीं-कहीं यह खत्म हो गया है. इसलिए सैनिकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.जयपुर में आयोजित एक कार्यक्र म में पिर्रकर ने कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पिर्रकर के सेना के महत्व पर दिए बयान को लेकर अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रि याएं आईं। कांग्रेस ने पिर्रकर को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो बोलते पहले हैं, सोचते बाद में हैं। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि युद्ध किसी मसले का हल नहीं हो सकता है। वहीं जेडीयू ने भी पिर्रकर पर कडी टिप्पणी की।उधर बीजेपी ने पिर्रकर के बयान का बचाव करते हुए कहा कि पिर्रकर का कतई ये मतलब नहीं रहा होगा कि हमें युद्ध में जाना चाहिए। उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
पर्रिकर बोले, युद्ध नहीं हो रहा है, इसलिए कम हो गया है सेना का महत्व
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि भारत ने पिछले 40-50 साल में कोई युद्ध नहीं लड़ा है, इसलिए देश में सेना का महत्व कम हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ करने की कोशिश की कि उनके इस बयान को युद्ध को बढ़ावा देने के तौर पर नहीं लिया जाना […]
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