इसके बाद कमेटी अंत में किसी नतीजे पर पहुंचेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 23 अप्रैल को कमेटी गठन की घोषणा के बाद शिक्षा विभाग ने 29 अप्रैल को कमेटी के गठन की अधिसूचना निकाली थी. एक महीने के अंदर कमेटी को अपनी अनुशंसा करनी थी. वेतनमान कमेटी की पहली बैठक 14 मई को आयोजित की गयी थी. इसके बाद 21 मई को प्राथमिक, माध्यमिक समेत कुल आठ शिक्षक संगठनों से सुझाव भी लिये गये थे.
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पांच जून को वेतनमान कमेटी की दूसरी बैठक
पटना: नियोजित शिक्षकों के वेतनमान और सेवा शर्तो के लिए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की दूसरी बैठक पांच जून को होगी. बैठक में शिक्षक संगठनों से लिये गये सुझाव पर चर्चा की जायेगी. साथ ही दूसरे राज्यों में नियोजित या संविदा पर बहाल शिक्षकों को मिलनेवाली वेतन संबंधी रिपोर्ट, […]
पटना: नियोजित शिक्षकों के वेतनमान और सेवा शर्तो के लिए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की दूसरी बैठक पांच जून को होगी. बैठक में शिक्षक संगठनों से लिये गये सुझाव पर चर्चा की जायेगी. साथ ही दूसरे राज्यों में नियोजित या संविदा पर बहाल शिक्षकों को मिलनेवाली वेतन संबंधी रिपोर्ट, जिसे शिक्षा विभाग ने उपलब्ध कराया है उस पर गंभीरता से विचार किया जायेगा.
गुरुवार को भी एक शिक्षक संगठन कमेटी के सामने अपना सुझाव रखेगा. शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट पर कमेटी गहन चर्चा करेगी और उसकी तुलना राज्य पर पड़ने वाले वित्तीय भार से करेगी. अगर वित्तीय भार बहुत बढ़ता है, तो वेतनमान के नये स्वरूप की भी कमेटी अनुशंसा कर सकती है. कमेटी को तो 29 मई से पहले ही अनुशंसा करनी थी. अनुशंसा के बाद सरकार को 30 जून तक उसे हर हाल में कैबिनेट से पास करवा देना है, ताकि एक जुलाई से वह लागू हो सके. बैठक में मुख्य सचिव के अलावा सदस्य सचिव सह शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, सदस्य विकास आयुक्त एसके नेगी, वित्त विभाग के नये प्रधान सचिव रवि मित्तल व प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर मौजूद रहेंगे.
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