जनता परिवार के विलय पर विमर्श के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को दिल्ली गये. शुक्रवार को वहां मुलायम के घर बैठक होगी. इस बीच लालू ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को गंठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया, तो दूसरी ओर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह […]
जनता परिवार के विलय पर विमर्श के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को दिल्ली गये. शुक्रवार को वहां मुलायम के घर बैठक होगी. इस बीच लालू ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को गंठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया, तो दूसरी ओर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मांझी जब प्रायश्चित करेंगे, तभी जदयू उनकी वापसी पर विचार करेगा.
पटना: जनता परिवार के विलय के पूर्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने एक बार फिर भाजपा विरोधी सभी शक्तियों को एकजुट होने का आह्वान किया. दिल्ली रवाना होने के पहले लालू प्रसाद ने जनता परिवार की एकजुटता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भी न्योता दिया. उन्होंने कहा कि विलय हो या गंठबंधन, मांझी को भी साथ आने की आवश्यकता है. भाजपा के खिलाफ सभी शक्तियों को साथ होने की आवश्यकता है. लालू प्रसाद के बयान से यह स्पष्ट हो रहा है कि राजद का मांझी के प्रति नरम रुख है.
श्री प्रसाद गुरुवार को सुबह विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गये. इधर, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह खुल कर जीतन राम मांझी के पक्ष में उतर आये हैं. उन्होंने कहा कि यदि जीतन राम मांझी भाजपा के साथ चले जायेंगे, तो हमलोगों का नुकसान होना तय है. मांझी को साथ लेने की वकालत करते हुए श्री सिंह ने कहा कि उनको मुख्यमंत्री बनानेवाले नीतीश कुमार हैं. भाजपा कहीं सरकार नहीं गिरा दे, इसलिए राजद ने मांझी को समर्थन दिया था, जिससे भाजपा को कोई अवसर नहीं मिला. जब मांझी को मुख्यमंत्री से हटा दिया गया है, तो यह कहा जा रहा है कि महादलित व्यक्ति को हटा दिया गया है. उन्होंने दलितों व गरीबों के पक्ष में 34 फैसले लिये थे, जिनको बदला जा रहा है.
अगर विलय हो या गंठबंधन, तो एक तरफ हम वोट बढ़ाने की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर मांझी भाजपा खेमे में चले जाते हैं, तो इसका नुकसान होना तय है. अगर राजनीति का इतना सरल फॉमरूला भी किसी को समझ में नहीं आता है, तो वह जयकारी दल के साथ बना रहे.