पटना: ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने राज्य में 16 व 25 केवीए के जले ट्रांसफॉर्मर की जगह 63 केवीए के ट्रांसफॉर्मर बदले जाने में भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा लगाये गये आरोप को निराधार बताया. बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर सवाल उठाया है.
सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भाजपा नेता द्वारा यह कहना कि चुनाव के लिए एजेंसियों से पैसा उगाही के लिए ऊंची दरों पर आपूर्ति की गयी, यह बात निंदनीय है. संवाददाता सम्मेलन में ऊर्जा सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे. मंत्री ने पूर्व उपमुख्यमंत्री पर केंद्र की सरकार की आड़ में बिजली कार्य कर रही एजेंसियों को धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मोदी के इस हरकत पर उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के लिए कानूनी कार्रवाई हो सकती है. मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना(अब दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का काम हो रहा है.
केंद्र सरकार के निर्देश पर टर्न-की के आधार पर काम हो रहा है. वर्ष 2010-11 में पावरग्रिड 11 जिले व बिजली बोर्ड आठ जिले में काम शुरू किया. अभी 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत काम हो रहा है. जिलावाइज काम होने के कारण एक समान दर पर टेंडर निकाला नहीं जा सकता है. योजना के तहत बीपीएल परिवार को मुफ्त में बिजली उपलब्ध कराना है. गांव की संरचना ऐसी है कि बीपीएल व एपीएल टोले सब साथ-साथ में है. ऐसे में अलग-अलग बिजली आपूर्ति व्यवस्था करना असंभव है.
टर्न-की जानकारी : संवाददाता सम्मेलन में ऊर्जा सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी प्रत्यय अमृत ने टर्न-की के आधार पर परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जानकारी दी. उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की इकाई जिला होती है. आइटम वाइज न्यूनतम दर की अवधारणा टर्न-की में नहीं होती है. ट्रांसफॉर्मर को बदलने के लिए जनवरी, 2015 में टेंडर निकला था. फरवरी तक अवधि विस्तार किया गया. टेंडर में कांट्रैक्टर के कम भाग लेने के कारण रद्द करना पड़ा. ट्रांसफॉर्मर बदलने का काम उन एजेंसियों को दिया गया जो ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रही है. वर्ष 2011-12 में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत पटना में काम काम करनेवाली एजेंसी एसपीएमएल को एक लाख चार हजार, मेसर्स एवरेस्ट इंफ्रा को नवादा जिला के लिए एक लाख 22 हजार 875 जबकि वर्ष 2014 में 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत बक्सर जिला में काम करने के लिए एक लाख 60 हजार निविदा दर तय हुआ. जहानाबाद व अरवल जिले में एसीएसआर वीसेल कंडक्टर दर 2734 दरसाया गया है, जबकि वास्तविक दर वास्तविक दर 27340 रुपये है. सीएमडी ने कहा कि ट्रांसफॉर्मर में लोहे का उपयोग कम होता है. कुल लागत खर्च का अधिकतम पांच फीसदी होता है. ट्रांसफॉर्मर दर का निर्धारण कोर, कोयला व ट्रांसफॉर्मर ऑयल पर निर्भर होता है. सीएमडी ने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत गुजरात, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में एक समान निविदा दर पर काम नहीं हो रहा है. संवाददाता सम्मेलन में नार्थ बिहार पावर वितरण कंपनी के एमडी डी बालामुरुगन व साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी के एमडी आर लक्ष्मणन उपस्थित थे.
साक्ष्य के साथ जानकारी उपलब्ध कराने पर करायेंगे जांच
मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अगर साक्ष्य के साथ जानकारी उपलब्ध कराये तो किसी भी एजेंसी से जांच कराने से परहेज नहीं है. अगर जो भी दोषी पाये जायेंगे, उस पर कार्रवाई होगी. लेकिन भाजपा नेता का आरोप झूठ का पुलिंदा है. भाजपा नेता नहीं चाहते कि इस वर्ष कोई ट्रांसफॉर्मर लग पाये. ऐसा हुआ तो राज्य में हो हल्ला मचेगा.
जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से घोषणा कर चुके हैं कि वर्ष 2015 तक बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार नहीं होने पर वे चुनाव में वोट नहीं मांगेंगे. इसलिए भाजपा नेता काम में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा में विधायकों ने जले हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलवाने का आग्रह कर रहे थे. उनकी मांग की थी विधायक फंड अन्य कार्य के लिए मिलता है. इसलिए सरकार ने जले हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलने का काम उन एजेंसियों से करा रही है जो ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति का काम कर रही है.