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मैट्रिक परीक्षा: हड़ताल में फंसा 14 लाख छात्रों का भविष्य

पटना: इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जुड़े मैट्रिक के 14 लाख परीक्षार्थियों को नामांकन लेने में परेशानी होगी. रिजल्ट नहीं मिलेगा, तो नामांकन कैसे होगा. जब तक नामांकन का समय आयेगा,तब तक सभी जगहों पर नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी. एक तरफ जहां मैट्रिक के छात्रों को सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन नहीं […]

पटना: इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जुड़े मैट्रिक के 14 लाख परीक्षार्थियों को नामांकन लेने में परेशानी होगी. रिजल्ट नहीं मिलेगा, तो नामांकन कैसे होगा. जब तक नामांकन का समय आयेगा,तब तक सभी जगहों पर नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी. एक तरफ जहां मैट्रिक के छात्रों को सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन नहीं मिलेगा, वहीं बिहार के बाहर जाने का रास्ता भी बंद हो जायेगा. छात्रों के पास बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट कॉलेजों में ही नामांकन लेने की मजबूरी होगी. शिक्षकों की हड़ताल के कारण मैट्रिक का मूल्यांकन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में जून के अंतिम सप्ताह तक मैट्रिक का रिजल्ट निकल सकता है.
14 लाख छात्रों के लिए कम पड़ जायेंगे कॉलेज और स्कूल
बिहार के कुछ ही विवि है जहां पर इंटर की पढ़ाई होती है. ऐसे में 14 लाख छात्रों के लिए नामांकन लेना कठिन हो जायेगा. मगध विवि के अलावा कुछ और विवि में इंटर की पढ़ाई होती है. इसके अलावा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लगभग छह सौ प्लस टू स्कूलों में ही ये छात्र नामांकन ले पायेंगे. ऐसे में ये 14 लाख छात्रों को इंटर में नामांकन लेने में काफी परेशानी आयेगी. वजह सीट कम और छात्रों की संख्या अधिक होगा.
20 से 30 फीसदी छात्र लेते सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन
बिहार बोर्ड से मैट्रिक पास करने के बाद काफी संख्या में छात्र सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन लेते है. समिति से मिली जानकारी के अनुसार 20 से 30 फीसदी छात्र सीबीएसइ स्कूलों में नामांकन लेते हैं, लेकिन इस बार ये छात्र भी नामांकन लेने से वंचित रह जायेंगे. क्योंकि सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के तमाम स्कूलों में नामांकन मई से जून तक हो जाता है. मैट्रिक का रिजल्ट समय पर नहीं निकलने के कारण इस बार मैट्रिक के छात्र बिहार के बाहर भी नहीं जा पायेंगे. मैट्रिक के रिजल्ट के बाद काफी संख्या में छात्र कोटा आदि जगहों पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के कारण शिफ्ट कर जाते हैं. ऐसे में छात्र 11 वीं में नामांकन लेने के साथ प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी साथ में करते हैं. इन जगहों पर भी नामांकन की प्रक्रिया जून में समाप्त हो जाती है.
पहली बार सिमुतल्ला के छात्र हुए है शामिल
मैट्रिक की परीक्षा में पहली बार सिमुतल्ला स्कूल के भी 112 छात्र शामिल हुए. बिहार के मॉडल कहे जाने वाले इस स्कूल के आठ छात्रों ने पहले ही स्कूल को छोड़ सीबीएसइ में नामांकन लिया था. अब 112 छात्र 11 वीं की पढ़ाई फिर बिहार बोर्ड के स्कूलों में ही करने को बाध्य होंगे. इस संबंध में सिमुतल्ला आवासीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. शंकर प्रसाद ने बताया कि सिमुतल्ला आवासीय विद्यालय के छात्र पहली बार मैट्रिक की परीक्षा दे रहे हैं.
सभी मूल्यांकन केंद्र पर उत्तर पुस्तिका भेज दी गयी है. 15 अप्रैल से ही मूल्यांकन कार्य शुरू होना था, लेकिन शिक्षकों की हड़ताल के कारण मूल्यांकन शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में रिजल्ट में देरी होगी. जून के अंतिम सप्ताह में मैट्रिक के रिजल्ट की घोषणा की जा सकती है. मूल्यांकन के 20 से 25 दिन बाद रिजल्ट तैयार करने में लगता है.
श्रीनिवास चंद तिवारी, सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

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