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बिहारः स्कूल में हड़ताल, सदन में तकरार

नियोजित शिक्षक. विधान परिषद में सीएम व विपक्ष के नेता के बीच नोक-झोंक नीतीश बोले-तिथि तय कर सदन में हो पूरे दिन बहस मोदी बोले- बहस नहीं, घोषणाएं लागू करे सरकार नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से 60 } से अधिक स्कूल में पढ़ाई तो ठप है ही, मैट्रिक का मूल्यांकन भी बाधित हो गया है. […]

नियोजित शिक्षक. विधान परिषद में सीएम व विपक्ष के नेता के बीच नोक-झोंक
नीतीश बोले-तिथि तय कर सदन में हो पूरे दिन बहस
मोदी बोले- बहस नहीं, घोषणाएं लागू करे सरकार
नियोजित शिक्षकों की हड़ताल से 60 } से अधिक स्कूल में पढ़ाई तो ठप है ही, मैट्रिक का मूल्यांकन भी बाधित हो गया है. उधर इस मुद्दे पर विधान परिषद में मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता के बीच नोक-झोंक के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. इस बीच दक्षता परीक्षा में दो बार फेल हो चुके शिक्षकों को हाइकोर्ट ने अंतरिम राहत दी.
पटना : करीब 22 महीने पहले तक एक साथ सरकार में रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बीच शुक्रवार को विधान परिषद में नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने के मुद्दे पर तीखी नोक-झोंक हुई. नियोजित शिक्षकों की मांगों को लेकर भाजपा के प्रो नवल किशोर यादव ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया था. इसे सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अस्वीकृत कर दिया.
इस पर हंगामा होने से सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन के दो बजे तक स्थगित कर दी. सभापति द्वारा कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभापति से कहा कि प्रस्ताव का स्थगित करना आपके अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के
मामले विधानमंडल में आ रहे हैं. विभिन्न मांगों को लेकर बातें आ रही हैं. नियोजित शिक्षक अपने-अपने ढंग से आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में इस विषय पर बहस के लिए एक तिथि तय कर दिया जाये, ताकि सभी बातें साफ हो जाएं. उन्होंने कहा कि एक दिन इसी मुद्दे पर विमर्श हो जाये, ताकि सरकार को निर्णय लेने में सहूलियत हो.
जब नीतीश कुमार अपनी बात कह रहे थे, उसी समय सदन में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने अपनी सीट पर खड़ा होकर कहा कि इस मसले पर बहस की कोई जरूरत नहीं है.
जबकि मुख्यमंत्री का कहना था कि जब नेता, विरोधी दल बोल रहे थे तो मैं चुप था. अब मैं बोल रहा हूं तो उन्हें सुनना चाहिए. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी मोदी से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री को सुनना चाहिए. लेकिन, विपक्ष के नेता चुप नहीं बैठे, उनका बोलनालगातार जारी रहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आप वाद विवाद नहीं चाहते हैं,तो ठीक है, सरकार इस मुद्दे पर निर्णय लेगी.
सभापति से नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर बहस के लिए एक दिन का समय और तिथि तय करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग का विरोध करते हुए सदन में विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर वाद-विवाद की आवश्यकता नहीं है. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में जो निर्णय लिया है, उसे लागू करे. शिक्षा मंत्री पीके शाही ने 15 दिन पहले ही सदन में कहा था कि यही सरकार शिक्षकों को वेतनमान देगी. इसे आपको लागू करना चाहिए. वे पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को लेकर राज्य सरकार की घोषणा की चर्चा करते हुए नियोजित शिक्षकों की मांग पर अड़ गये.
इस बीच भाजपा के सदस्य वेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. हंगामे की स्थिति देख कर सभापति ने विपक्ष के नेता से कहा कि अभी सदन में मुख्यमंत्री बोल रहे हैं. ऐसे में उनको सुनना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री के वक्तव्य देने के दौरान ही मोदी भी खड़ा होकर लगातार बोलते रहे.
सभापति के वक्तव्य के बाद जदयू के नीरज कुमार ने सभापति से कहा कि मुख्यमंत्री के बोलने के दौरान अन्य सदस्यों के बातों को कार्यवाही से बाहर कर दिया जाये. हंगामा नहीं थमने के कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन के दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन के बाहर मोदी ने कहा-
सदन की कार्यवाही ठप होने के बाद मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर कोई वाद विवाद की आवश्यकता नहीं है. सरकार को नीतिगत निर्णय लागू करना चाहिए. मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने की सदन में घोषणा की थी.
अब उन्हें इसे लागू करना चाहिए. मोदी ने कहा कि शिक्षकोंको पेंशन, अंतर नियोजन तबादला, समय पर वेतन भुगतान, स्थानांतरण के लिए नियमावली बनाने की घोषणा की थी. इसे लागू करना चाहिए. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी ने चार राज्यों का दौरा किया है. सरकार को रिपोर्ट भी दे दी गयी है.
सरकार को बताना चाहिए कि रिपोर्ट में क्या है? मोदी ने कहा कि पांच साल से इंटर और डिग्री कॉलेजों के कर्मियों को अनुदान नहीं मिल रहा है. जब हमलोग सरकार में साथ में थे तो वित्तरहित शिक्षा को खत्म किया था. सरकार ऐसे मामलों में हर बार कहती है कि देंगे, पर अनुदान का पांच साल से भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वाद विवाद के माध्यम से मुद्दा को हटाना चाहते हैं.
क्या कहा था शिक्षा मंत्री ने
यही सरकार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ देगी. हम आपको (भाजपा) इसका मौका नहीं देंगे.
-पीके शाही (चालू सत्र के दौरान विधान परिषद में )
.तब मोदी ने कहा था
भगवान भी नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं दे सकते. क्या वेतन बढ़ाने के लिए सड़कों का निर्माण व विकास कार्य रोक दें या सिर्फ वेतन देने से बिहार का विकास हो जायेगा.
(आठ मार्च, 2013 को केसरिया महोत्सव में, उस समय वह नीतीश सरकार में भाजपा शामिल थी और सुशील मोदी वित्त मंत्री थे)
दो बार फेल शिक्षकों को मिली राहत
पटना : दक्षता परीक्षा में दो बार फेल हो चुके 2734 नियोजित शिक्षकों को पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह के दो सदस्यीय खंडपीठ ने ऐसे शिक्षकों को तत्काल हटाने के एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी.
कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की ओर से इन शिक्षकों को तत्काल हटाने के जारी आदेश पर भी रोक लगा दी. एकलपीठ के फैसले के खिलाफ मीना कुमारी एवं अन्य ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए दो सदस्यीय खंडपीठ ने सरकार को तीन सप्ताह में यह बताने को कहा कि वह इन शिक्षकों के भविष्य के बारे में क्या निर्णय करने जा रही है. अगली सुनवाई होने तक एकलपीठ और इस आधार पर शिक्षा विभाग के आदेश पर अंतरिम रोक रहेगी.
दो बार फेल..
गौरतलब है कि दो अप्रैल को रिजवाना खातून की याचिका पर एकलपीठ ने दक्षता परीक्षा में दो बार फेल हो चुके नियोजित शिक्षकों को तत्काल हटाने का आदेश दिया था. इसके तहत शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को 10 अप्रैल से सेवा समाप्त हो जाने का आदेश जारी किया था.

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