न्यायाधीश मिहिर कुमार झा के कोर्ट ने इस मामले में दायर की गयी याचिका की बुधवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि इस मामले में गड़बड़ी के जिम्मेवार आइएएस अधिकारी नहीं हैं. हाइकोर्ट ने सरकार के दलील पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या अधिकारी हरिश्चंद्र हैं या दूध के धुले हुए.
कोर्ट ने छह मई को अगली सुनवाई निर्धारित करते हुए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और संबंधित विभागों के प्रधान सचिवों को भी कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने अपनी जवाब में कहा था कि एसडीओ और इसके ऊपर के अधिकारियों की संलिप्तता नहीं थी. उन्हें इसका मॉनीटर करने को कहा गया था. गौरतलब है कि धान उठाव के इस मामले की निगरानी ब्यूरो भी जांच कर चुका है.