पटना: बिहार के शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव अमरजित सिन्हा ने आज कहा कि राज्य में पहली बार कराए गए हैबिटेशन मैपिंग के तहत प्रदेश के 97 प्रतिशत टोलों एवं बसावट प्राथमिक विद्यालय की सुविधा से आच्छदित हैं.
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिन्हा ने बताया कि प्रदेश के 112067 टोलों एवं बसावटों में से 97 प्रतिशत शिक्षा के अधिकार के कानून के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों की सुविधा हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1896 टोलों एवं बसावटों में मानक के अनुसार एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक विद्यालय की सुविधा नहीं है जबकि 2097 टोले एवं बसावट प्राथमिक विद्यालय की स्थापना के लिए निर्धारित मानक को पूरा नहीं करते हैं.
सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 6 से 14 वर्ष की आयु के मात्र 2-3 प्रतिशत बच्चे ही विद्यालय के बाहर रह गए हैं. उन्होंने बताया कि बिहार में सर्व शिक्षा अभियान के तहत खोले जाने वाले कुल 21419 प्राथमिक विद्यालयों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 20775 (97 प्रतिशत) प्राथमिक विद्यालय खोले जा चुके हैं.
सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक विद्यालय से मध्य विद्यालय में उत्कर्मित किए जाने वाले कुल 19725 के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 19400 (98 प्रतिशत) प्राथमिक विद्यालयों को मध्य विद्यालय में उत्कर्मित किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत 201536 प्रारंभिक शिक्षक कार्यरत हैं और छात्र-शिक्षक अनुपात 58:. को बेहतर करने के लिए स्वीकृत 89429 प्रारंभिक तथा 46635 उच्च प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में छात्र-वर्ग कक्षा अनुपात जो वर्तमान में 61:. ह, उसको बेहतर करने के लिए अबतक 163359 कक्षाओं का निर्माण किया गया है.
उन्होंने बताया कि माध्यान्ह भोजना योजना पर वित्तीय वर्ष 2013-14 में करीब 1800 करोड रुपये के व्यय का लक्ष्य रखा गया है.