इस बीच बढ़ती भीड़ की सूचना डीएम अभय सिंह को मिली, तो उन्होंने एडीएम आपूर्ति अजय कुमार को कोषागार का निरीक्षण करने का आदेश दिया. सरकारी कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई थी.
इसके बाद एडीएम ने कोषागार के दरवाजे पर ताला जड़ने का निर्देश दिया. बिल अंदर ले जाने की पैरवी होती रही, लेकिन ताला लगने के बाद किसी की नहीं सुनी गयी. डीएम ने फर्जी निकासी पर रोक लगाने के लिए 25 मार्च के बाद बिल कोषागार में जमा करने पर रोक लगायी थी. डीएम ने कोषागार पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि किसी भी हाल में 25 मार्च के बाद आगे बिल नहीं लेंगे. हालांकि डीएम के इस निर्देश का कितना पालन हुआ यह तो कोषागार पदाधिकारी ही बता सकते हैं. जब प्रभात खबर ने कोषगार पदाधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि फर्जी निकासी को रोकने के लिए दिये गये निर्देशों का पालन किया गया है.