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बिहार में लगे स्टील प्लांट, बने एक और हवाई अड्डा: नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को आंध्र प्रदेश की तर्ज पर विशेष सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है. प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर उन्होंने राज्य में एक स्टील प्लांट लगाने, पटना में ड्राइपोर्ट और एक अतिरिक्त हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. पीएम मोदी को भेजे अपने […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को आंध्र प्रदेश की तर्ज पर विशेष सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है. प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर उन्होंने राज्य में एक स्टील प्लांट लगाने, पटना में ड्राइपोर्ट और एक अतिरिक्त हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव दिया है.

पीएम मोदी को भेजे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम- 2014 का हवाला देते हुए कहा कि बिहार को आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बड़ी सहायता की दरकार है. इसके तहत प्रदेश में एक स्टील प्लांट लगाये जाने की जरूरत है. वहीं, राजधानी में ड्राइपोर्ट तथा पटना के निकट एक अतिरिक्त हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी देने की अपील की है. पीएम से उन्होंने बिहार को औद्योगिकीकरण एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष दर्जा की तरह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में छूट के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है, ताकि राज्य में निवेश को गति मिल सके.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की 13 वीं अनुसूची में शिक्षा और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में उत्तरवर्ती राज्यों को उपलब्ध कराये जानेवाली सुविधाओं का जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा है कि बिहार उत्तरवर्ती राज्यों में शामिल है. बिहार को इसके तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक एजुकेशन एंड रिसर्च, आइआइआइटी, बागवानी विश्वविद्यालय एवं आपदा प्रबंधन के राष्ट्रीय संस्थान का लाभ मिलना चाहिए.

उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि पटना में बेली रोड पर ललित भवन से विद्युत भवन तक अंडर पास रास्ते के निर्माण का प्रस्ताव नीति आयोग को भेजा गया है, इस पर जल्द ही स्वीकृति दी जाये. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बिहार विभाजन के उपरांत राज्य के लिए स्पेशल प्लान के वायदे की याद दिलाते हुए कहा कि 10 वीं और 11 वीं पंचवर्षीय योजना में 10520 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत की गयी थीं. इसके लिए केंद्र सरकार ने 85 सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किये.

इन योजनाओं के लिए अभी भी राज्य को 650 करोड़ रुपये की जरूरत है. केंद्रीय बजट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से आरंभ हो रहे अगले वित्तीय वर्ष से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि को बंद करने की बात कही गयी है. ऐसी स्थिति में बीआरजीएफ के माध्यम से मिल रही विशेष सहायता पर संशय की स्थिति बन गयी है.

एक लाख करोड़ की बिहार को दरकार
मद राशि
ढाई सौ आबादी वाले टोले में संपर्क पथ : 32600 करोड़
कच्ची दरगाह के निकट गंगा पर पुल/ पहुंच पथ : 8148 करोड़
कृषि एवं इससे जुड़े अनुसंधान एवं अन्य कार्य : 41587 करोड़
पंचायत सरकार और उपस्कर के लिए : 7285 करोड़
पटना में मेट्रो रेल के निर्माण के लिए : 10500 करोड़
नुरुम योजना के लिए : 750 करोड़
नमामी गंगे योजना के लिए : 1105 करोड़
बौद्ब, जैन, सूफी, रामायण, सिख, शक्ति और गांधी सर्किट के लिए : 4536 करोड़
गंगा नदी के किनारे घाटों पर रास्ता के लिए : 5912 करोड़
कुल 107887 करोड़

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