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क्यों नहीं कोई बड़ा अधिकारी है आरोपित
321 करोड़ के अनाज सड़ने का मामला, पटना हाइकोर्ट ने कहा पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 321 करोड़ रुपये के पीडीएस दुकानों पर अनाज सड़ने के दोषी तत्कालीन कमिश्नर, डीएम, डीडीसी और एसडीओ की सूची तलब की है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस बड़े मामले में आखिर किसी […]
321 करोड़ के अनाज सड़ने का मामला, पटना हाइकोर्ट ने कहा
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 321 करोड़ रुपये के पीडीएस दुकानों पर अनाज सड़ने के दोषी तत्कालीन कमिश्नर, डीएम, डीडीसी और एसडीओ की सूची तलब की है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस बड़े मामले में आखिर किसी बड़े अधिकारी को क्यों नहीं दोषी बनाया गया. सिर्फ बीडीओ स्तर के पदाधिकारी को दोषी माना गया है और पीडीएस दुकानदारों से पैसे वसूलने के लिए मुकदमे किये गये हैं.
न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में पीडीएस दुकानदारों की ओर से दायर 139 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए संबंधित जिलों के तत्कालीन आला अधिकारियों की सूची मांगी है, ताकि उन पर भी मुकदमा दायर किया जा सके.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत काम के बदले अनाज योजना के लिए पीडीएस दुकानदारों को अनाज उपलब्ध कराये गये थे. 2006 में इस योजना को बंद कर दिया गया और पीडीएस दुकान पर पड़े अनाज को वापस लेने की कोई प्रक्रिया नहीं शुरू की गयी. अब वर्षो के बाद पीडीएस दुकानदारों से अनाज के पैसे मांगे जा रहे हैं. सरकार ने सड़े हुए अनाजों की कीमत करीब 321 करोड़ रुपये आंकी है.
इस पैसे की वसूली के लिए दुकानदारों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस भी दायर किये गये तथा दबाव बढ़ा, तो संबंधित बीडीओ पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया. कोर्ट ने पाया गया कि अनाज उठाव के लिए डीएम, डीडीसी, एसडीओ और कमिश्नर की भी जवाबदेही तय की गयी थी. इस आधार पर कोर्ट ने सभी अधिकारियों की सूची मांगी है.
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