पटना: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में विधान परिषद के उपाध्यक्ष और जदयू के सदस्य सलीम परवेज और सीवान जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन पर 13 लाख 62 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फेमा के उल्लंघन और अवैध रूप से विदेशी मुद्रा रखने पर इडी ने फेमा की धारा तीन ए और चार के तहत दोनों पर जुर्माना लगाया है.
जल्द ही दोनों को इडी जुर्माना देने का नोटिस जारी करेगा. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सलीम परवेज और शहाबुद्दीन विदेशी मुद्रा रखने और फेमा के उल्लंघन के मामले में 2005 में ही दोषी पाये गये थे. इडी ने शहाबुद्दीन के घर से 2005 में चार लाख 54 हजार रुपये मूल्य के सात हजार छह सौ डॉलर, 10 हजार 540 दिरहम और 800 सउदी रियाल भी जब्त करने का आदेश दिया. इडी के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने यह मामला सीमाशुल्क विभाग को हस्तांतरित कर दिया था. सीमा शुल्क ने उसे इडी को सौंप दिया.
इस मामले के निष्पादन का जिम्मा इडी, पटना क्षेत्रीय कार्यालय को दिया गया, क्योंकि विदेशी मुद्रा संबंधी कार्रवाई आरबीआइ की अनुमति से ही की जा सकती है. मामले की जांच के दौरान शहाबुद्दीन ने बताया था कि जब्त विदेशी मुद्रा उन्हें सलीम परवेज से मिली थी. शहाबुद्दीन के बयान के बाद इडी ले परवेज को तलब किया था. इडी की पूछताछ में सलीम परवेज ने बताया था कि उस वक्त मैं सऊदी अरब में प्रवासी भारतीय के रूप में रह रहा था.मैंने शहाबुद्दीन को उनके इस्लामिया ट्रस्ट को दान के रूप में राशि दी थी. उन्होंने कबूल किया था कि वह ट्रस्ट की कार्यकारी समिति के सदस्य भी थे.
निदेशालय के दूसरे सम्मन के दौरान परवेज ने अपना बयान बदल लिया और कहा कि शहाबुद्दीन अगस्त, 2003 में सऊदी अरब गये थे, जहां उन्हें यह धनराशि ‘जकात’(दान)के रूप में मिली. उन्होंने बताया कि शहाबुद्दीन ने धनराशि सुरक्षित रखने के लिए उन्हें सौंप दिया, क्योंकि उन्हें कहीं जाना था. इडी अधिकारी के मुताबिक दूसरे बयान में परवेज ने कहा था कि मैने भारत की अपनी एक यात्र के दौरान यह धनराशि शहाबुद्दीन को दी. इडी ने पूरे मामले की जांच में कहा कि परवेज ने इस धन के बारे में सीमाशुल्क विभाग के सामने घोषणा नहीं कर फेमा नियमावली का उल्लंघन किया कि उनके पास यह धनराशि है. उन्होंने भारत में इस हवाई अड्डे पर सीमाशुल्क घोषणा प्रपत्र नहीं भरा. अधिकारी ने कहा कि बिना घोषणा फार्म भरे देश में विदेशी मुद्रा न तो रखा जा सकता है और न ही किसी को दिया जा सकता है. सलीम परवेज सारण जिले के मूल निवासी हैं. वह राजनीति में शामिल होने के लिए सऊदी अरब से नौकरी छोड़ कर भारत लौटे थे. फिलहाल वह विधान परिषद में जदयू के सदस्य हैं जबकि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सीवान के जेल में बंद हैं.