फोटो — भूमंडलीकरण व मजदूर वर्ग पर व्याख्यानमाला संवाददाता,पटना मजदूर नेता केदार दास की स्मृति में केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान की ओर से भूमंडलीकरण और मजदूर वर्ग विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. डॉ खगेंद्र ठाकुर ने कहा कि पूंजीवाद का मौजूदा संकट संरचनात्मक है. यह मात्र आर्थिक संकट नहीं बल्कि आर्थिक सुनामी है. भूमंडलीकरण के कारण विषमता पैदा हुई है. राष्ट्रों के बीच और राष्ट्रों के भीतर जनता के बीच भारत में नयी आर्थिक नीति प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के द्वारा शुरू की गयी. बाद में अटल बिहारी के नेतृत्व में इसमें गति आयी. यूपीए वन की सरकार जो वामपंथियों के समर्थन से चल रही थी. विनिवेश पर थोड़ा नियंत्रण रहा लेकिन यूपीए टू की सरकार ने बड़ी तेजी से सार्वजनिक संपत्तियों को लूटा,जिसके परिणाम स्वरूप देश की सत्ता पर दक्षिण पंथियों की पकड़ मजबूत हो गयी. पूंजीवादी व्यवस्था में मुख्य अंतर्र्विरोध पूंजी और श्रम के बीच है. भूमंडलीकरण पूंजीवाद की वैश्विक प्रक्रिया है. इसमें श्रमिकों की स्थिति को श्रम और पूंजी के अंर्तविरोध की रोशनी से समझना होगा. तकनीकी क्रांति के कारण विकास की प्रक्रिया में उत्पादन के पारंपरिक साधन बाहर कर दिये गये हैं. परिणाम स्वरूप बेकार श्रमिकों की तादाद बढ़ रही है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बद्री नारायण लाल ने केदार दास के व्यक्तित्व और उनके संघर्षोर्ं की चर्चा की. व्याख्यानमाला को सीपीआइ के सत्य नारायण सिंह, सीपीआइ एमएल के नंद किशोर सिंह, प्रो पांडे ने संबोधित किया.
भूमंडलीकरण के कारण पैदा हुई विषमता: खगेंद्र ठाकुर
फोटो — भूमंडलीकरण व मजदूर वर्ग पर व्याख्यानमाला संवाददाता,पटना मजदूर नेता केदार दास की स्मृति में केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान की ओर से भूमंडलीकरण और मजदूर वर्ग विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. डॉ खगेंद्र ठाकुर ने कहा कि पूंजीवाद का मौजूदा संकट संरचनात्मक है. यह मात्र आर्थिक संकट नहीं बल्कि […]
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