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कला के आचरण व सिद्धांत को जीना होगा

लाइफ रिपोर्टर@पटनाकला बेहतर है. समाज को देने के लिए यहां बहुत कुछ है. कला गंभीर चिंतन का विषय है. इसके आचरण, सिद्धांत को जीना होगा. कला जीवन है. आप अपनी प्रोसेस जारी रखें और लगातार अपने काम पर ध्यान दें. प्रोफेशनल आर्ट कॉलेज में समय सीमा का कोई बंधन नहीं होता है. कलाकार तो हमेशा […]

लाइफ रिपोर्टर@पटनाकला बेहतर है. समाज को देने के लिए यहां बहुत कुछ है. कला गंभीर चिंतन का विषय है. इसके आचरण, सिद्धांत को जीना होगा. कला जीवन है. आप अपनी प्रोसेस जारी रखें और लगातार अपने काम पर ध्यान दें. प्रोफेशनल आर्ट कॉलेज में समय सीमा का कोई बंधन नहीं होता है. कलाकार तो हमेशा काम कर सकता है, चाहे रात हो या दिन. आप जिस भी मूड में काम करोगे, उसका असर आपके काम में दिखता है. कला की यही खासियत है. कलाकार जैसा सोचता है, वैसा ही प्रदर्शित करता है. जिस गुरु से आप ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं, उनके प्रति समर्पित रहना होगा. ये सारी बातें जयपुर से आये वरिष्ठ कलाकार विनय शर्मा ने कही. वे गुरुवार को कैनवास व कला एवं शिल्प महाविद्यालय द्वारा ‘गुजरे हुए वस्तुओं की निशानी’ विषय पर आयोजित सेमिनार में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे. कॉलेज में कैनवास का यह पांचवां व्याख्यान था. इस मौके पर विनय शर्मा ने स्टूडेंट्स को कला पर शॉर्ट फिल्म व स्लाइड शो के माध्यम से कला के अनेक आयामों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अतीत को वर्तमान में लाने की कलात्मक कोशिश से अपनी खोयी परंपरा को लौटाया जा सकता है. मौके पर ललित कला अकादमी के अध्यक्ष आनंदी प्रसाद बादल, कार्यक्रम संयोजक प्रो अजय कुमार पांडेय, कैनवास के विनय कुमार, डॉ अभय सिंह, उमेश प्रताप, रजनीश, सुमन, मिनाक्षी के अलावा कॉलेज के सभी फैकल्टी मेंबर व स्टूडेंट्स मौजूद थे.

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