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एक हजार रुपये महीने पर कर रहे थे काम

– तीसरे राउंड में 83 बाल श्रम बच्चें आयेफोटो जेपी देंगेसंवाददाता, पटनाहैदराबाद के चूड़ी फैक्टरी में काम कर रहे कुल 250 बाल श्रम बच्चों से हर महीने एक हजार रुपये दे कर 10 से 12 घंटे काम कराया जा रहा था. यह बाते प्रथम संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत कुमार ने कहा. शुक्रवार के तीसरे […]

– तीसरे राउंड में 83 बाल श्रम बच्चें आयेफोटो जेपी देंगेसंवाददाता, पटनाहैदराबाद के चूड़ी फैक्टरी में काम कर रहे कुल 250 बाल श्रम बच्चों से हर महीने एक हजार रुपये दे कर 10 से 12 घंटे काम कराया जा रहा था. यह बाते प्रथम संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत कुमार ने कहा. शुक्रवार के तीसरे दिन भी बिहार बाल श्रम आयोग, मानव की तस्करी विरोधी यूनिट, प्रथम संस्था की ओर से पटना सिकंदराबाद एक्सप्रेस से 83 बच्चें पटना जंकशन रात आठ बजे आये. मुक्त करवाने के बाद इन बच्चों को शहर के अपना घर में रखा गया है. बिहार श्रम विभाग के आठ अधिकारी इन बच्चों के साथ आये. इनमें सबसे ज्यादा 52 बच्चे मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. इन सभी बच्चों को शनिवार को सबसे पहले मुजफ्फपुर ले जाया जायेगा. रणजीत कुमार ने बताया कि हैदराबाद जिला प्रशासन ने सभी बच्चों को बंधुआ श्रम कानून के तहत बंधुआ श्रम मुक्ति प्रमाण पत्र दिया है. उन्होंने बताया कि कुल 250 बच्चें हैदराबाद के न्यू सिटी में चूड़ी कारखाने में काम कर रहे थे. इसमें तीसरे राउंड में 83 आये हैं, बाकी के बच्चें आज आयेंगे. ये बच्चों की आयु 12 साल से 16 साल के बीच है.

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