पटना: स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि राज्य में 600 होमियोपैथिक डॉक्टरों की भरती की जायेगी. शनिवार को हार्डिग रोड स्थित अधिवेशन भवन में होमियोपैथिक साइंस कांग्रेस सोसाइटी द्वारा आयोजित साइंटिफिक सेमिनार में उन्होंने कहा कि होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के विकास में धन की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी.
राज्य सरकार सरल, सुलभ व कम खर्चीली होमियोपैथी के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इसके विकास के लिए योजनाएं बनायी जानी हैं और खाली पड़े 600 डॉक्टरों के पदों पर भरती करने की योजना बन रही है.
मंत्री ने कहा कि उनका प्रयास है कि बिहार के प्रमुख जगहों पर होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो, ताकि जिले में इसकी चिकित्सा शिक्षा और भी बेहतर हो सके. उन्होंने चिकित्सकों व शिक्षकों को प्रोन्नति और वेतनमान बढ़ाने की बात कही. वहीं केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद दिल्ली के डॉ आरके मंथन ने कहा कि परिषद होमियोपैथिक में टीका लाने जैसी सुविधा पर पहल कर रही है. परिषद ने रिसर्च कार्य भी पूरा कर लिया है. केंद्र से मंजूरी मिलते ही होमियोपैथिक में भी टीका मिलना शुरू हो जायेगा.
केंद्र की नीति बरदाश्त नहीं करेंगे बीमाकर्मी
पटना. इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन, पटना डिवीजन-2 की ओर से दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत शनिवार को हुई. फ्रेजर रोड स्थित जीवन गंगा परिसर में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने किया. इसके बाद खुले सत्र का उद्घाटन इस्ट सेंट्रल जोन एसोसिएशन के महामंत्री श्रीकांत मिश्र ने किया. उन्होंने कहा कि बीमा उद्योग में विदेशी पूंजी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ा कर 49 प्रतिशत किया गया है. केंद्र सरकार की नीति को किसी सूरत में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. महामंत्री विशाल शरण ने कहा कि वर्तमान समय काफी संघर्ष का समय है. इस कठिन समय में हमारा वेतन पुनरीक्षण, जो कि अगस्त 2012 से देय है. वर्तमान केंद्र सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है. एक फरवरी को तीसरे वार्षिक सम्मेलन का खुला सत्र है, इसमें प्रतिनिधि सत्र होगा. धन्यवाद ज्ञापन कुमार संजय ने दिया.