ऐसे में अस्पताल अपने स्तर से टेंडर निकाल कर सरकारी कंपनियों से दवा खरीद सकते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया के पहले चरण में ही सदस्य नहीं पहुंचे. अस्पताल सूत्रों के अनुसार परचेज कमेटी में 21 सदस्य हैं. ऐसे में बैठक में कम-से-कम 10 सदस्यों का आना अनिवार्य है, लेकिन इसमें आठ सदस्य ही पहुंचे, बाकी सदस्यों ने आने से मना कर दिया. सूत्रों की मानें तो वे लोग निगरानी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते हैं.
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पीएमसीएच में खुला दवा खरीद का टेंडर, निगरानी के डर से नहीं पहुंचे 13 सदस्य
पटना: पीएमसीएच में दवा खरीद के लिए बुधवार को टेंडर खोला गया, जिसमें परचेज कमेटी के 13 सदस्य महज निगरानी के डर से टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिये. इस कारण परचेज कमेटी की बैठक अधूरी रह गयी. जानकारी के मुताबिक पीएमसीएच में कई ऐसी दवाइयां हैं, जिनको बीएमएसआइसीएल उपलब्ध नहीं करा पा रही है. […]
पटना: पीएमसीएच में दवा खरीद के लिए बुधवार को टेंडर खोला गया, जिसमें परचेज कमेटी के 13 सदस्य महज निगरानी के डर से टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिये. इस कारण परचेज कमेटी की बैठक अधूरी रह गयी. जानकारी के मुताबिक पीएमसीएच में कई ऐसी दवाइयां हैं, जिनको बीएमएसआइसीएल उपलब्ध नहीं करा पा रही है.
पीएमसीएच में होगी दवाओं की कमी
अगर टेंडर प्रक्रिया के पहले चरण में ही जब सदस्य नहीं पहुंचेंगे, तो फरवरी में दवा की खरीद होनी नामुमकिन है. पूर्व से ही बीएमएसआइसीएल की ओर दवा खरीद में काफी देर हो चुकी है. ऐसे में अगर पीएमसीएच प्रशासन अपने स्तर से दवा की खरीद नहीं कर पायेगा, तो अचानक से अस्पताल में दवा की कमी हो जायेगी और मरीजों को दवा बाहर से खरीदनी पड़ेगी. फिलहाल अस्पताल ओपीडी व इमरजेंसी से ऐसी कई दवाएं खत्म हो गयी हैं, है, जिसे खरीदनी जरूरी है और इन्हीं दवाओं की खरीद के लिए परचेज कमेटी की बैठक आयोजित की गयी थी, जो कोरम के अभाव में पूरी नहीं हो पायी.
अधीक्षक रखेंगे अपनी बात
कमेटी के ज्यादातर सदस्यों के नहीं आने के बाद पीएमसीएच अधीक्षक प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र के समक्ष अपनी बात रखेंगे. इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जायेगी कि इन सदस्यों के बिना किस नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाये या उनको बैठक में बुलाया जाये. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने बताया कि परचेज कमेटी की मीटिंग में महज आठ सदस्य पहुंचे थे. इस कारण टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी. ऐसे में अगर दवा खरीद का मामला अटक जायेगा, तो मरीजों पर इसका असर पड़ेगा. मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ेंगी. बैठक में सदस्यों के नहीं आने से यह परेशानी उत्पन्न हुई है. यह जानकारी प्रधान सचिव को दी जायेगी.
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