पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा को साफ-सुथरा बनाएं. सही व्यक्ति का ही हेल्थ कार्ड बनवाया जाये. ध्यान रहे बिचौलिये इसका लाभ नहीं उठा सकें. उन्होंने कहा कि जॉब कार्ड व राशन कार्ड में भी हेराफेरी होती है. उन्होंने कहा कि बहुत लोग इस तरह की बात नहीं कहते हैं. हम यह बात कह देते हैं.
यह हमारा दोष है. सोमवार को अपने कार्यालय स्थित संवाद कक्ष में श्रम संसाधन विभाग की श्रम कल्याण समिति द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाइ) की रिलांचिंग के मौके पर उन्होंने कल्याण मंत्री के रूप में अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय बड़ी नामी कंपनियां आती थीं. पांच हजार में काम लेकर पेटी कांट्रेक्ट में एक हजार में दे देती थीं. बीच का चार हजार वह खा जाती थी. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी, अतिपिछड़ा, मुसलमानों में पसमांदा और सवर्ण में बीपीएल के स्वास्थ्य का ख्याल करना सरकार की जिम्मेवारी है. जिन पांच कंपनियों को यह कार्य सौंपा गया है, उनकी जिम्मेवारी है कि ईमानदारी से काम करें. जिस दिन श्रम संसाधन विभाग एक करोड़ छह लाख से अधिक का लक्ष्य हासिल कर लेगा, मंत्री और बीमा कंपनी को पुरस्कृत करेंगे. उन्होंने घोषणा की कि आवश्यकता पड़ी तो इलाज के लिए सालाना खर्च 30 हजार के बैरियर को भी तोड़ा जायेगा.
मार्च से इलाज : श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी ने कहा कि एक फरवरी से स्वास्थ्य कार्ड बनाने और एक मार्च से इलाज शुरू होगा. पिछले तीन वर्षो में इस योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिला. एक करोड़ से अधिक लोगों का हेल्थ कार्ड बनाया गया था. इनमें से महज पांच फीसदी लोगों को ही इलाज का लाभ मिला. योजना से बीड़ी मजदूरों को भी जोड़ा गया है. साथ में मनरेगा, कमर्शियल ड्राइवर, रिक्शा व ऑटो रिक्शा चालक, कुली, निर्माण मजदूर, सफाईकर्मी सहित अन्य लोगों को शामिल किया जा रहा है. मौके पर श्रम कल्याण समिति के निदेशक कामेश्वर शुक्ला, अपर निदेशक अमरकांत सिंह, समिति के परामर्शी डॉ आरके चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव संजय कुमार सिंह, श्रम संसाधन विभाग के निदेशक अजय कुमार चौधरी, प्रधान सचिव के ओएसडी अशोक कुमार सिंह, इंटक के चंद्र प्रकाश सिंह, मजदूर नेता बिंदेश्वर प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे.
योजना के खास बिंदु
चार बीमा कंपनियों को 38 जिलों की जिम्मेवारी सौंपी गयी
परिवार के पांच लोगों को साल में 30 हजार तक के इलाज की सुविधा मिलेगी
साल में अधिकतम एक हजार रुपये काट कर यातायात के लिए दी जायेगी.
बीमा के तहत 1516 बीमारियों के इलाज की व्यवस्था