पटना. मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश अंगरेजों के बर्बर कानून की तरफ बढ़ा हुआ कदम है. इससे किसानों और आम जनता के हितों की कोई रक्षा नहीं होगी. ये बातें माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहीं. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ माले और किसान सभा ने शनिवार को प्रदर्शन किया और हड़ताली मोड़ व आयकर गोलंबर पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका. कुणाल ने कहा कि यह किसानों को लूटनेवाला और पूंजीपतियों को लूट की छूट देनेवाला अध्यादेश है. इसकी आड़ में सरकार किसानों की सहमति के बिना जमीन छीन सकेगी. अध्यादेश में आदिवासियों के हितों की भी अनदेखी की गयी है. वनाधिकार कानून के तहत उन्हें वनों पर जो भी अधिकार हासिल थे, उन्हें भी छीना जा रहा है. कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने संसदीय परंपराओं को भी ताक पर रख दिया है. माले के कार्यालय सचिव कुमार परवेज ने बताया कि अध्यादेश के खिलाफ आरा, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, औरंगाबाद, सीवान, पश्चिमी चंपारण, बक्सर, समस्तीपुर, गया और दरभंगा में भी प्रदर्शन किया गया.
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसान विरोधी : माले-सं
पटना. मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश अंगरेजों के बर्बर कानून की तरफ बढ़ा हुआ कदम है. इससे किसानों और आम जनता के हितों की कोई रक्षा नहीं होगी. ये बातें माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहीं. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ माले और किसान सभा ने शनिवार को प्रदर्शन किया और हड़ताली मोड़ […]
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