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11 जिलों में बालू घाटों का ठेका अब नये फॉर्मूले से

पटना: राज्य के 11 जिलों में शीघ्र ही बालू घाट के ठेका की प्रक्रिया शुरू होगी. जनवरी के पहले सप्ताह में ठेका प्रक्रिया संपन्न होगी. इन जिलों में तीन-चार बार घाटों की बंदोबस्ती के लिए विज्ञापन निकालने के बाद भी कोई हिस्सा लेने नहीं आया. इस वजह से इन 11 जिलों में बालू घाटों की […]

पटना: राज्य के 11 जिलों में शीघ्र ही बालू घाट के ठेका की प्रक्रिया शुरू होगी. जनवरी के पहले सप्ताह में ठेका प्रक्रिया संपन्न होगी. इन जिलों में तीन-चार बार घाटों की बंदोबस्ती के लिए विज्ञापन निकालने के बाद भी कोई हिस्सा लेने नहीं आया. इस वजह से इन 11 जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हो सकी.

ठेका नहीं होने का मुख्य कारण ठेका की न्यूनतम दर का काफी ज्यादा होना था. इसके मद्देनजर खनन एवं भूतत्व विभाग ने सभी संबंधित जिलों के डीएम को बालू घाटों की समीक्षा कर रिपोर्ट भेजने को कहा था. सभी जिलों के डीएम ने रिपोर्ट भेज दी है. रोहतास के डीएम को छोड़ कर सभी जिलों के डीएम का विचार करीब एक समान है. रोहतास डीएम का कहना है कि उनके जिले के बालू घाटों के लिए फिर से विज्ञापन निकाला जाये. इस तर्क से विभाग सहमत नहीं है, क्योंकि तीन-चार बार विज्ञापन निकालने के बाद भी जब कोई ठेका लेने नहीं आया.

अगली बार आ जायेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. ठेका की प्रक्रिया में जितनी देरी होगी, उतनी ही राजस्व की हानि होगी. जनवरी, 2015 से सभी संबंधित जिलों में खनन ठेका की अवधि समाप्त हो रही है. नयी बालू नीति के तहत पांच साल के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती होने जा रही है. 2015 के दौरान बालू घाटों के ठेका से करीब 400 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य है. 2014 के दौरान करीब 250 करोड़ रुपये राजस्व मिला है. राज्य के 25 जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती की जाती है. अब तक 14 जिलों में बंदोबस्ती हो चुकी है, जिससे करीब 205 करोड़ रुपये राजस्व मिल चुका है. शेष 11 जिलों में बंदोबस्ती पूरी होने के बाद 400 करोड़ का लक्ष्य आसानी से प्राप्त होने की संभावना है.

यह होगा नया फॉर्मूबक

11 जिलों में न्यूनतम ठेका दर तय करने के लिए खनन विभाग ने एक नया फॉमरूला तैयार किया है. इस पर जल्द ही अंतिम सहमति मिलने जा रही है. नये फॉर्मूला के माध्यम से सभी संबंधित जिलों में अलग-अलग न्यूनतम ठेका दर तय हो जायेगा. इस न्यूनतम दर से ही ठेका प्रक्रिया शुरू होगी. दर के निर्धारण के लिए सभी संबंधित जिलों में पिछले तीन साल के दौरान बालू घाटों की बंदोबस्ती दर का औसत निकाल कर इसमें 20 प्रतिशत अतिरिक्त दर जोड़ दी जायेगी. सभी जिलों के बालू घाटों की न्यूनतम बंदोबस्ती राशि होगी. इसे आधार मान कर इसके ऊपर बोली लगायी जायेगी.

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