पटना: शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि सारण के मशरक में मिड डे मील खाने से बच्चों की मौत के पीछे साजिश प्रतीत होती है. जिस विद्यालय में यह घटना हुई है, वहां की प्रधान शिक्षिका मीना कुमारी एक राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता अजरुन राय की पत्नी हैं. अजरुन राय की वहीं पर धर्मासती में एक दुकान है, जहां से मीना कुमारी मिड डे मील के लिए सामग्री खरीदती थीं. घटना के दिन मंगलवार को सब्जी बनाने के दौरान रसोइये ने जब तेल कड़ाही में डाला, तो अजीब-सा धुआं उठा. तेल का रंग भी ठीक नहीं था. रसोइये ने इसकी शिकायत प्रधान शिक्षिका से की, लेकिन उसे कहा गया कि इसी तेल में सब्जी बनाओ. इसके बाद खाना खाते समय भी बच्चों ने कहा कि सब्जी का टेस्ट ठीक नहीं है. बच्चों की शिकायत पर रसोइये ने भी खाना खाकर देखा. श्री शाही ने कहा कि यह सब संयोग नहीं हो सकता है. श्री शाही ने कहा कि मीना कुमारी किसी अन्य विद्यालय में कार्यरत थी, लेकिन डेढ़ साल पहले एक राजनीतिक दल के दबाव में वहां के तत्कालीन बीइओ प्रबोध ने मीना कुमारी की प्रतिनियुक्ति गंडामन प्राथमिक विद्यालय में की थी. अभी वह बीइओ निलंबित हैं.
श्री शाही ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद इस घटना को लेकर अनर्गल बनयाबाजी कर रहे हैं. दूसरों को कुछ कहने से पहले लालू जी यह बताएं कि कौन है अजरुन राय. श्री शाही ने कहा कि अजरुन राय का चचेरा भाई ध्रुव राय मशरक का एक विशिष्ट व्यक्ति हैं. ये सभी एक राजनीतिक दल से जुड़े हैं. श्री शाही का इशारा राजद की ओर था, लेकिन उन्होंने पार्टी का नाम नहीं लिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ये सब जांच का विषय है.
जो बच्चे नहीं खाये वे बच गये
श्री शाही ने कहा कि घटना के दिन उस विद्यालय में 58 बच्चे मौजूद थे. इनमें कुछ बच्चों ने खाना नहीं खाया था. जो खाना नहीं खाये, वे बच गये. वैसे बच्चे भी कुछ थे, जिसने सब्जी नहीं खायी थी. ऑर्गेनोफॉस्फोरस की मात्र सब्जी में ही पायी गयी है. इसलिए मौत सब्जी खानेवाले बच्चे की ही हुई है.
ऑर्गेनोफॉस्फोरस से मौत
श्री शाही ने कहा कि बच्चों की मौत ऑर्गेनोफॉस्फोरस से हुई है. यही कारण है कि बच्चों की शरीर से भी दरुगध आ रही थी. एफएसएल इसकी जांच कर रहा है. पुलिसिया जांच भी चल रही है.
पुलिसिया जांच में डाला खलल
श्री शाही ने कहा कि छपरा व मशरक में बंद समर्थकों ने इतना हंगामा किया, जिससे पुलिया जांच बाधित हुई. घटना का दूसरा दिन जांच के ख्याल से काफी महत्वपूर्ण था, लेकिन ऐसी स्थिति वहां उत्पन्न की गयी, जिससे जांच करना मुश्किल था. संवाददाता सम्मेलन में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा व सचिव राहुल सिंह भी उपस्थित थे.