28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

26 पार्षदों ने आयुक्त, 40 ने मेयर को ठहराया दोषी

पटना : नगर विकास विभाग द्वारा नगर निगम को भंग करने को लेकर पार्षदों से विभिन्न बिंदुओं पर पूछे गये स्पष्टीकरण के जवाब में 26 पार्षदों ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को, जबकि 40 ने मेयर अफजल इमाम को शहर की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार ठहराया है. विभाग ने 12 दिसंबर तक ही जवाब देने […]

पटना : नगर विकास विभाग द्वारा नगर निगम को भंग करने को लेकर पार्षदों से विभिन्न बिंदुओं पर पूछे गये स्पष्टीकरण के जवाब में 26 पार्षदों ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को, जबकि 40 ने मेयर अफजल इमाम को शहर की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार ठहराया है.

विभाग ने 12 दिसंबर तक ही जवाब देने को कहा था, पार्षदों की आग्रह पर एक सप्ताह की मोहलत दी गयी थी. इसके बाद मेयर गुट के 25 पार्षदों ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण का जवाब दे दिया था. डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता सहित 40 विपक्षी पार्षदों ने सोमवार को जवाब दिया. मेयर ने भी सोमवार को जवाब सौंपा.

पार्षद नहीं, नगर आयुक्त हैं दोषी

मेयर सहित उनके गुट के 25 पार्षदों ने अपने जवाब में फॉगिंग नहीं होने, कचरे का उठाव नहीं होने, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं होने, अतिक्रमण नहीं हटाये जाने आदि के लिए नगर आयुक्त को दोषी ठहराया है. पार्षदों ने कहा है कि स्थायी समिति व निगम बोर्ड की बैठकों में डेंगू से बचाव के लिए किये गये उपाय की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी, लेकिन आयुक्त ने उपलब्ध नहीं करायी. ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर स्थायी समिति व बोर्ड से स्वीकृति दी गयी, लेकिन क्रियान्वयन नहीं हुआ. नगर आयुक्त नागरिकों का काम छोड़ राजनीति में व्यस्त हैं, इसका सबसे बड़ा प्रमाण अविश्वास प्रस्ताव के समय देखा जा सकता है. इस स्थिति में मेयर या वार्ड पार्षद नहीं, बल्कि नगर आयुक्त कुलदीप नारायण दोषी हैं.

मेयर को क्यों छोड़ा

उधर, डिप्टी मेयर सहित 40 विपक्षी पार्षदों ने सभी समस्याओं के लिए मेयर अफजल इमाम को दोषी ठहराया है. पार्षदों ने विभाग से ही पूछा है कि मेरे वार्ड में कहां फॉगिंग व सफाई नहीं हुई है? किसी शिकायतकर्ता का नाम बताएं. उपलब्ध मशीनों के माध्यम से रोस्टर के आधार पर फॉगिंग करायी गयी है. दिल्ली में नियमित फॉगिंग होती है, लेकिन डेंगू से वहां भी लोग बीमार होते है और मरते हैं. पार्षदों ने कहा है कि विभागीय सचिव ने निगम क्षेत्र में काम नहीं होने के लिए मेयर व नगर आयुक्त दोनों को जिम्मेवार ठहराया और कार्रवाई करने की अनुशंसा की, लेकिन नगर आयुक्त को तो निलंबित कर दिया गया, मगर मेयर को छोड़ दिया गया. इससे जाहिर होता है कि मेयर के बचाने और बिल्डर माफिया के दबाव में निगम भंग करने की कोशिश की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें