पटना: पटना हाइकोर्ट ने नगर निगम, नगर विकास विभाग व यातायात पुलिस को दो दिनों की और मोहलत दे दी है. न्यायाधीश नवीन सिन्हा की अध्यक्षतावाले खंडपीठ ने राजधानी को साफ-सुथरा रखने से संबंधित एक लोकहित याचिका की सुनवाई सोमवार को करने का निर्णय लिया.
इसके पहले सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट के आदेशों का नगर निगम व सरकार के अधिकारी अनुपालन नहीं कर रहे. सुनील कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नवीन सिन्हा ने कहा कि कोर्ट ने कचरा उठाने की समयसीमा भी निर्धारित कर रखी है. इसके बावजूद वह खुद इसके शिकार हुए हैं. खंडपीठ ने कहा कि शहर में गंदगी का अंबार फैला हुआ है.
सड़क पर धार्मिक स्थलों के निर्माण से खफा
सड़कों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण पर भी खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की. राजेंद्र सिंह की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने 18 जुलाई को सरकार से अब तक की गयी कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.
खंडपीठ ने कहा कि पूर्व में अरुण कुमार मुखर्जी द्वारा दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस संबंध में हलफनामा दायर कर सड़कों से धार्मिक स्थलों को हटाने का वायदा किया था. याचिकाकर्ता ने गया में परशुराम मंदिर को लेकर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे संपूर्ण राज्य से जोड़ कर सरकार से जवाब मांगा था.