पटना: राजधानीवासियों को अब पिछले साल की अपेक्षा दोगुना होल्डिंग टैक्स भरना होगा. नगर निगम बोर्ड की सातवीं साधारण बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गयी. हालांकि, पार्षदों के एक खेमे ने पहले इसका विरोध किया था.
उसका कहना था कि होल्डिंग टैक्स बढ़ना चाहिए, लेकिन उससे पहले सड़कों का वर्गीकरण किया जाना चाहिए. यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं कि कंकड़बाग के लोगों को वही होल्डिंग टैक्स देना पड़े, जो डाकबंगला चौराहे वालों को देना पड़ता है. इस पर मेयर अफजल इमाम ने कहा कि सड़कों का वर्गीकरण किया जायेगा. फिलहाल, होल्डिंग टैक्स पर विचार किया जाये. इसके बाद एक अप्रैल से नयी दर पर निगम क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स की वसूली करने का निर्णय ले लिया गया.
नयी विज्ञापन नीति का विरोध
मेयर अफजल इमाम ने बैठक में सदन के पटल पर नयी विज्ञापन नीति से संबंधित प्रस्ताव रखा, तो विरोधी पार्षद विनय कुमार पप्पू, दीपक कुमार चौरसिया व बलराम चौधरी ने कहा कि 28 जून, 2008 को निगम बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव संख्या 45 द्वारा नयी विज्ञापन नीति से संबंधित प्रस्ताव पास किया गया था. सरकार के अनुमोदन के लिए इसे नगर आयुक्त ने चार जुलाई, 2008 को नगर विकास विभाग को भेजा था. नगर विकास विभाग ने 13 अगस्त, 2012 में नयी विज्ञापन नीति को मंजूरी देते हुए गजट पारित कर दिया और उसी तिथि से पटना नगर निगम में यह प्रभावी भी हो गया. इसके बावजूद नयी विज्ञापन नीति को क्यों लागू नहीं किया गया.
मेयर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आपकी मंशा ठीक नहीं थी. विज्ञापन एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए दोबारा स्थायी समिति व निगम बोर्ड में संलेख ला रहे हैं. विरोधी पार्षदों के जवाब देते हुए नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने कहा कि मामले की तहकीकात की जायेगी और सही पाये जाने विचार किया जायेगा.