पटना: प्रमंडलीय सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में शनिवार को ‘सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता और प्रेस की भूमिका’ पर विचारगोष्ठी हुई. इसमें वरिष्ठ पत्रकारों व पत्रकारिता के छात्रों ने विस्तार से चर्चा की.
वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता से अनेक प्रकार की गलतफहमियां दूर हो जाती हैं, क्योंकि किसी व्यक्ति के मन में आनेवाले सवालों के जवाब स्वत: मिल जाते हैं. कुछ संगठनों व कार्यालयों में गोपनीय शाखा होती है.
गोपनीयता तब जरूरी है, जब वह सार्वजनिक हित और राष्ट्रहित में हो. सूचना के अधिकार पर काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता भी एक तरह के पत्रकार ही हैं. भारतीय व्यापार प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक डॉ उत्तम कुमार सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाये गये आंदोलन और दिल्ली में दामिनी रेप कांड को विषय पर एक सशक्त उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया. वहीं श्रमजीवी पत्रकार महासंघ के पूर्व मंत्री चंद्रशेखरम ने सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता के संदर्भ में मीडिया के समक्ष आनेवाली चुनौतियों पर चर्चा की. संगोष्ठी के प्रारंभ में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रमंडलीय उप निदेशक केके उपाध्याय ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था सजग, निष्पक्ष और सक्रिय मीडिया की हिमायती रही है, तथा प्रिंट मीडिया से संबंधित मामलों के लिए भारतीय प्रेस परिषद विधिवत गठित और कार्यरत है. गोष्ठी में भाग लेने आये पटना विवि के अधीन संचालित पत्रकारिता संस्थान तथा सुरेंद्र प्रताप सिंह पत्रकारिता एवं जन-संचार संस्थान के छात्रों ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा भविष्य में ऐसी और गोष्ठियों के आयोजन की अपेक्षा की.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संगोष्ठी आज
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर रविवार को ‘लोक व्यवहार में पारदर्शिता-मीडिया की भूमिका’ पर संगोष्ठी का आयोजन होगा. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इसका आयोजन मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में किया है. दिन के 11 बजे से आरंभ होनेवाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी करेंगे. कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार व सांसद हरिवंश भी मौजूद रहेंगे.