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पब्लिक हैरान, क्यों लगता रोज जाम

पटना सिटी: घनी आबादी, सड़कों पर वाहनों दबाव, अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें, बीच सड़क पर खड़े ऑटो रिक्शा, टमटम, ठेला व दूसरे वाहन. अशोक राजपथ हर दिन लगनेवाले जाम का मुख्य कारण यही है. मानों यातायात के कायदे-कानून यहां लागू नहीं होते. बस मनमर्जी पर सब कुछ कायम है. व्यापारिक मंडियों में जहां-तहां मालवाहक वाहनों […]

पटना सिटी: घनी आबादी, सड़कों पर वाहनों दबाव, अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें, बीच सड़क पर खड़े ऑटो रिक्शा, टमटम, ठेला व दूसरे वाहन. अशोक राजपथ हर दिन लगनेवाले जाम का मुख्य कारण यही है. मानों यातायात के कायदे-कानून यहां लागू नहीं होते. बस मनमर्जी पर सब कुछ कायम है. व्यापारिक मंडियों में जहां-तहां मालवाहक वाहनों को खड़ा कर लोडिंग व अनलोडिंग का काम करने से भी जाम लगता है. हालात यह है कि सिर्फ जाम की वजह से कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पुराने शहर से नाता तोड़ लिया है.

दौड़ते नहीं, रेंगते हैं वाहन
पटना साहिब में जाम की समस्या नयी नहीं है. इससे भी बड़ी समस्या यह है कि यातायात के नियमों का अनुपालन अशोक राजपथ पर नहीं होता है . गायघाट से मालसलामी के बीच अशोक राजपथ पर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पैदल चलना भी मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए कि मच्छहरट्टा, हाजीगंज, चौक, पश्चिम दरवाजा, मारुफगंज मोड़ व झाउगंज में अशोक राजपथ पर अतिक्रमण की वजह से सड़क सिकुड़ गयी है. एक किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक का समयलगता है. वाहनों के गियर, एक्सिलेटर व ब्रेक से पैर हटते ही नहीं. यही स्थिति पश्चिम में गायघाट से महेंद्रू के बीच है.

जाम से बदला ठिकाना
जाम की गंभीर समस्या की वजह से कई संपन्न लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपना ठिकाना पुराने शहर से बदल लिया है. कमलिया, भरतिया, खेतान व अन्य परिवार के लोग पटना से बाहर नहीं गये, लेकिन दूसरे इलाके में रह रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जाम की समस्या जान पर आफत बन रही थी. कारोबार पर भी असर पड़ रहा था.
ऐसे ही समस्या के समाधान के लिए व्यापारियों ने मिल कर जागरूकता अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिल पायी.

नहीं खुला ट्रैफिक थाना
शहर की आबादी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपराध नियंत्रण व विधि- व्यवस्था के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में दो डीएसपी व एक दर्जन से अधिक थाने हैं, लेकिन यातायात नियंत्रण के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है. मुख्यमंत्री ने खुद यहां की जाम की समस्या पर गंभीर हुए थे. स्थिति यह है कि एनएच पर ट्रैफिक थाना खोलने की घोषणा पर अमल में नहीं हो सका है.

पब्लिक है जिम्मेवार
ट्रैफिक एसपी के प्रभार में सिटी एसपी जयंतकांत हैं. उनका कहना है किजाम के लिए पब्लिक जिम्मेदार है. पब्लिक कायदे-कानून को मानती नहीं है. यदि अनुशासित तरीके से वाहनों का परिचालन हो, तो एक हद तक समस्या का समाधान संभव है. वैसे जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है.

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