पटना : सूबे के आठ जिलों के विभिन्न नगर निकायों में 131 परिवार अब भी कमाऊ शौचालयों में काम कर रहे हैं. नगर विकास विभाग ने शौचालयों में काम करनेवाले सभी परिवारों का नये सिरे से सव्रेक्षण का निर्देश दिया है.
विभाग ने सभी नगरपालिकाओं के आयुक्त व कार्यपालक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शुष्क शौचालयों का प्रयोग करनेवाले परिवार को नोटिस जारी किया जाये. देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हो गयी है. राज्य में मैन्युअल स्कैवेंजर रोजगार निषेध व पुनर्वास एक्ट को छह दिसंबर 2013 से लागू किया गया है. निर्देश के अनुसार शुष्क शौचालयों के अद्यतन सव्रेक्षण व शुष्क शौचालयों का निर्माण करनेवाले परिवार को नोटिस दिया जाये. सव्रेक्षण के माध्यम से अस्वच्छ कार्य में लगे सभी लोगों की पहचान करनी है. सव्रेक्षण के बाद एससी-एसटी विभाग द्वारा किये गये सव्रेक्षण की पुष्टि करना है.
तात्कालिक सूची को प्रकाशित कर आपत्ति प्राप्त होने पर सूची को सही करना और इसके अनुसार अंतिम सूची को प्रकाशित किया जाना है. अस्वच्छ कार्य में लगे व्यक्तियों द्वारा स्व घोषणापत्र प्राप्त करना है. इसकी सत्यता निकाय के द्वारा प्रमाणित की जानी है. मैन्युअल स्कैवेंजर्स को फोटो युक्त पहचान पत्र निर्गत किया जाना है.
मौत पर मिलेगा मुआवजा
यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि कोई भी सफाई कर्मचारी बिना सुरक्षा उपाय के किसी भी मैनहोल/सेप्टिक टैंक की सफाई करने नहीं उतरे. ऐसा करना अपराध है. नगर निकाय को यह भी सुनिश्चित करना है कि सफाई के लिए उपयोग में आनेवाली सभी मशीन व उपस्कर उपलब्ध हो. सफाई के दौरान किसी भी दुर्घटना की स्थिति में मृत परिवार की पहचान कर प्रति परिवार 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना है.