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मूल्यपरक राजनीति से आयेगा बदलाव
पटना : वरिष्ठ पत्रकार व सांसद हरिवंश ने कहा कि अगर समाज में किसी सकारात्मक बदलाव की हम अपेक्षा करते हैं, तो यह केवल मूल्यपरक राजनीति से ही संभव है. उन्होंने कहा कि लोग मीडिया की भूमिका को काफी बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है. लोग तो मीडिया को लोकतंत्र का […]
पटना : वरिष्ठ पत्रकार व सांसद हरिवंश ने कहा कि अगर समाज में किसी सकारात्मक बदलाव की हम अपेक्षा करते हैं, तो यह केवल मूल्यपरक राजनीति से ही संभव है. उन्होंने कहा कि लोग मीडिया की भूमिका को काफी बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है. लोग तो मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ तक बताते हैं, लेकिन हमारे संविधान में केवल तीन ही स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका बताये गये हैं.
उन्होंने कहा कि भारत से अधिक स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पाकिस्तान में होती है, क्योंकि वहां लोग सुबह 20 रुपये खर्च कर अखबार पढ़ते हैं. हरिवंश शनिवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के रजत जयंती वर्ष के मौके पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विद्यापीठ द्वारा ‘भारतीय समाज के विकास में मीडिया का दायित्व’ पर आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे.
हरिवंश ने कहा कि राजनीति ही वह क्षेत्र है, जो समाज में मूल्य व आदर्श स्थापित करता है. इसके लिए उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई से लेकर उदारवादी आर्थिक नीतियों के अनुसरण की अवधि यानी नब्बे के दशक की विभिन्न घटनाओं की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कोई भी सकारात्मक बदलाव तब तक संभव नहीं है, जब तक राजनीति मूल्यपरक न हो. स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बाजार और करुणा दोनों साथ नहीं चल सकते. स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जरूरी है कि सरकार की ओर से इन्हें आर्थिक मदद और संरक्षण हासिल हो. मौके पर एनओयू के कुलपति प्रो (डॉ) रासबिहारी प्रसाद सिंह, प्रतिकुलपति प्रो (डॉ) राम प्रकाश उपाध्याय व कुलसचिव डॉ एसपी सिन्हा ने भी विचार व्यक्त किये.
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