पटना : सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी के बंदर बगीचा स्थित संतोषा कॉम्प्लेक्स के ऊपर तीन फ्लोर को अवैध घोषित करते हुए नगर निगम को तोड़ने का आदेश दिया है. इस तीन फ्लोर में 21 फ्लैट हैं और इन फ्लैट मालिकों को छह हजार प्रति स्क्वायर फुट की दर से मुआवजा दिया जाना है. इसको लेकर सेवानिवृत्त जस्टिस एसएन झा को प्रतिनियुक्त किया गया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुआवजे की राशि की गणना करने के साथ-साथ फ्लैट मालिकों को मुआवजे की राशि उपलब्ध भी करानी है.
इसको लेकर शनिवार को जस्टिस एसएन झा के साथ नगर निगम के कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार सिंह की टीम संतोषा कॉम्प्लेक्स पहुंचे और फ्लैटों की नापी करायी. अभियंताओं की टीम ने पहले दिन फ्लैट नंबर 803, 804, 702, 704, 706 और 707 की नापी की.
नापी की प्रक्रिया रविवार को भी जारी रहेगी. कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि जस्टिस एसएन झा की देखरेख में एक-एक फ्लैट की नापी की गयी है.
रविवार को भी जस्टिस के नेतृत्व में नापी की जायेगी. गौरतलब है कि संतोषा कॉम्प्लेक्स मामले में दस सप्ताह के भीतर अवैध हिस्से की नापी करने के साथ ही मुआवजे की राशि का वितरण कर देना है. इसके साथ ही निगम प्रशासन अवैध हिस्सा तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करेगा.