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प्राइवेट प्रैक्टिस के मोह में डॉक्टर छोड़ रहे एम्स

साकिब, पटना : एम्स, पटना बिहार के सीनियर डॉक्टरों को नहीं भा रहा है. हाल यह है कि कई बार नियुक्तियों के विज्ञापन निकलने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू नहीं हो पा रहा है. तीन बार विज्ञापन निकलने के बाद भी जब डॉक्टर नहीं […]

साकिब, पटना : एम्स, पटना बिहार के सीनियर डॉक्टरों को नहीं भा रहा है. हाल यह है कि कई बार नियुक्तियों के विज्ञापन निकलने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. डॉक्टरों की कमी के कारण नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू नहीं हो पा रहा है. तीन बार विज्ञापन निकलने के बाद भी जब डॉक्टर नहीं मिले, तो चौथी बार इसका विज्ञापन निकालना पड़ा है.

वहीं, कई वर्षों से चल रहे न्यूरोलॉजी विभाग को बंद किया जा चुका है. अब करीब दो माह बाद ही यह दोबारा से चालू हो पायेगा. कई विभागों में एक या दो सीनियर डॉक्टर ही हैं. ऐसे में जो काम कर रहे हैं, उन पर अत्यधिक मरीजों को देखने का दबाव बना रहता है. हाल के वर्षों में कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एम्स को छोड़ा है. जानकार बताते हैं कि इसका कारण प्राइवेट प्रैक्टिस का मोह है.
एम्स में काम करते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने की इजाजत डॉक्टरों को नहीं है. इसके कारण ज्यादातर विशेषज्ञ डॉक्टर यहां आना नहीं चाहते हैं. वहीं, कई ने कुछ वर्ष यहां काम करने के बाद इस्तीफा दे दिया है. इसमें सबसे रोचक बात यह कि एम्स, पटना को छोड़ ज्यादातर पीएमसीएच में ज्वाइन करना पसंद करते हैं. इसका कारण पीएमसीएच में काम करते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति मिल जाती है.
प्रोमोशन, सैलरी स्ट्रक्चर व मैनपावर की कमी भी एक वजह
एक सीनियर डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एम्स,पटना में कई वर्षों तक डॉक्टरों की नियुक्तियां बंद थी. बाद में नियुक्तियाें की प्रक्रिया शुरू भी हुई, तो वह इतनी लंबी रही कि डॉक्टरों को ज्वाइन करने में महीनों लग गये. यहां नियुक्ति के विज्ञापन निकलने के कई महीनों बाद ज्वाइनिंग करवायी जाती है. इससे जो काम कर रहे हैं उन पर अतिरिक्त दबाव रहता है. साथ ही यहां प्रोमोशन में सरकारी प्रक्रियाओं के कारण लंबा समय लगता है. सैलरी स्ट्रक्चर में भी कुछ खामियां है.
इन डिपार्टमेंटों में हैं एक से दो सीनियर डॉक्टर : गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी में सिर्फ एक, पेडियाट्रिक्स में दो, रेडियोलॉजी में सिर्फ एक, सर्जिकल अंकोलॉजी में सिर्फ एक, पेडियाट्रिक्स सर्जरी में दो, इएनटी में दो, बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में दो, कार्डियक सर्जरी में एक, यूरोलॉजी में भी सिर्फ एक सीनियर डॉक्टर हैं. ऐसे में अगर ये छोड़ के चले जाये, तो इन विभागों को भी बंद करने की नौबत आ सकती है.
हमें नहीं मिल रहे डॉक्टर
एम्स, पटना में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट को डॉक्टर की कमी के कारण बंद कर दिया गया है. नये डॉक्टर जल्द ही आ जायेंगे इसके लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है. चौथी बार इसके लिए विज्ञापन निकाला गया है. अब उम्मीद है कि डॉक्टर मिल जायेंगे. यह सच है कि प्राइवेट प्रैक्टिस के मोह के कारण डॉक्टर एम्स को छोड़ रहे हैं. दुख की बात है कि हमें जरूरत के मुताबिक डॉक्टर मिल नहीं पाते हैं.
डॉ पीके सिंह, निदेशक, एम्स, पटना

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