पटना : महावीर कैंसर संस्थान में अब जल्द ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी. इससे पहले राज्य में इसकी सुविधा एक-दो अस्पतालों में ही थी. निजी अस्पतालों में इसके लिए 12 से 30 लाख तक खर्च आता है. लेकिन, महावीर कैंसर संस्थान में काफी कम रुपये में ही यह हो सकेगा. संस्थान में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सारी तैयारियां हो चुकी हैं. इसके लिए जरूरी मशीनें व उपकरण आ चुके हैं. उम्मीद है कि करीब एक महीने में इसे शुरू कर दिया जायेगा.
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महावीर कैंसर संस्थान में शुरू होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट
पटना : महावीर कैंसर संस्थान में अब जल्द ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी. इससे पहले राज्य में इसकी सुविधा एक-दो अस्पतालों में ही थी. निजी अस्पतालों में इसके लिए 12 से 30 लाख तक खर्च आता है. लेकिन, महावीर कैंसर संस्थान में काफी कम रुपये में ही यह हो सकेगा. संस्थान में बोन […]
संस्थान में बिहार व झारखंड समेत कई राज्यों से कैंसर के मरीज आते हैं. इससे पूर्व आइजीआइएमएस में जुलाई, 2018 में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो चुकी है. इसके अतिरिक्त पटना के एक निजी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट दो तरह के होते हैं. पहला ऑटोलोगस व दूसरा एनालोगस. ऑटोलोगस में मरीज से ही स्टेम सेल निकाली जाती है और मरीज में डाल दी जाती है.
जबकि, एनालोगस में मरीज के भाई, बहन या फिर खून का रिश्ता रखने वाले रिश्तेदारों से स्टेम सेल निकाल कर मरीज में डाला जाता है. ल्यूकीमिया, लिंफोमा, एप्लास्टिक एनिमिया, थैलेसीमिया व मल्टीपल माइलोमा जैसी बीमारियों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट ही पक्का इलाज है. इससे 95% मरीज ठीक हो जाते हैं. ब्लड कैंसर के चार में से एक या दो मरीज को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है.
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