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पटना : जेइइ मेन स्कोर पर करें इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन
अनुराग प्रधान पटना : बिहार के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब अलग से कोई टेस्ट आयोजित नहीं होगा. विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने सभी स्टूडेंट्स को साफ कह दिया गया है कि अब बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइबी) द्वारा संचालित टेस्ट के इंतजार में स्टूडेंट्स या अभिभावक नहीं रहें. […]
अनुराग प्रधान
पटना : बिहार के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब अलग से कोई टेस्ट आयोजित नहीं होगा. विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने सभी स्टूडेंट्स को साफ कह दिया गया है कि अब बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइबी) द्वारा संचालित टेस्ट के इंतजार में स्टूडेंट्स या अभिभावक नहीं रहें. सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक में एडमिशन के लिए बीसीइसीइबी अलग से परीक्षा नहीं लेगा.
जो बीटेक में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की जेइइ मेन 2020 में सम्मिलित होना जरूरी है. बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन जेइइ मेन के स्कोर पर होगा. जेइइ मेन जनवरी और अप्रैल दोनों का स्कोर कार्ड मान्य होगा. इसमें अधिक अंक होगा, उसी के अनुसार आप बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लिए आवेदन कर सकते हैं.
विभाग ने कहा है कि एडमिशन के लिए इंटर की परीक्षा अथवा डिप्लोमा (इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना जरूरी है. वहीं, आरक्षित श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत अंक जरूरी है. सत्र 2020 में इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स भी जेइइ मेन में बैठ सकते हैं.
मेन के स्कोर पर कॉलेज होंगे आवंटित
बीसीइसीइबी के ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए बोर्ड रजिस्ट्रेशन के लिए तिथि जारी करेगा. जारी तिथि के अनुसार मेन में स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उनके स्कोर पर औरच्वाइस पर इंजीनियरिंग कॉलेज
एलॉट होगा. वर्ष 2019 में भी बीसीइसीइबी द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की गयी थी. जेइइ मेन के स्कोर और केवल मेन परीक्षा
में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ था.
खाली रह गयी थीं सीटें
बिहार की 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की लगभग दस हजार सीटों में तमाम कोशिशों के बाद भी 2019 में 3329 सीटें खाली रह गयी थी. केवल जेइइ मेन में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को भी एडमिशन के लिए बुलाया गया था. सामान्य काउंसेलिंग के बाद सभी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या 4153 थी, जिन्हें मॉपअप से भरने की कवायद की गयी. परंतु महज 1600 आवेदन मिले. इनमें भी अंतिम रूप से मात्र 824 का एडमिशन हो सका था.
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