जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव गुरुवार को वामपंथी दलों के बिहार बंद में शामिल होने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ डाकबंगला चौराहे पर हाथ में हथकड़ी लगाकर पहुंचे और सीएए का विरोध जताया.
पश्चिम चंपारण के सिकटा में भी ट्रेन को रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी.

पश्चिम चंपारण के बगहा में गोरखपुर से नरकटियागंज जानेवाली सवारी गाड़ी संख्या 55072 को प्रदर्शनकारियों ने 15 मिनट तक रोके रखा. रेल पुलिस तथा पटखौली पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ट्रेन परिचालन शुरू हुआ.

सीएए के विरोध में पटना के फुलवारीशरीफ के शहीद भगत सिंह चौक, टमटम पड़ाव, इमारत शरिया, ब्लॉक मोड़, हारून नगर, बाल्मीचक, अनीसाबाद, चितकोहरा, बेउर, सिपारा, जगनपुरा, रामकृष्ण नगर, परसा सहित आसपास के सभी प्रमुख इलाको में सड़कों पर उतर कर किया प्रदर्शन. हिंदू-मुसलिम एकता का दिया संदेश.

राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शनकारियों ने किया प्रदर्शन.

सहरसा में बिहार बंद के दौरान वीआईपी कार्यकर्ताओं ने सिमरी बख्तियारपुर-बलवाहाट एनएच107 को चकमका चौक के समीप तीन स्थानों पर तीन घंटे से जाम.

बिहार बंद से सहरसा-मानसी रेलखंड पर जानकी एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनें प्रभावित, घंटों विलंब से चल रहीं ट्रेनें.
बिहार बंद को लेकर दानापुर में रेल पुलिस, आरपीएफ ने संयुक्त रूप से प्लेटफार्म पर सुरक्षा को लेकर गश्ती की.

बांका में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन करते वाम दलों के सदस्य.

पश्चिमी चंपारण के बेतिया में जुलूस निकाले वाम दल के कार्यकर्ता.

बिहार बंद को लेकर पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में प्रदर्शनकारियों ने निकला जुलूस.

मधुबनी में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में मार्च करते और सड़क जाम करते वाम पंथी नेता और कार्यकर्ता.

मधेपुरा के मुरलीगंज एनएच 107 पर एनआरसी के खिलाफबिहार बंद को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बैंगा पुल को अवरुद्ध कर दिया.

औरंगाबाद में माले और जन अधिकार पार्टी के लोगों ने रमेश चौक को जाम कर किया प्रदर्शन.

जहानाबाद के कुर्था में नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ कुर्था बंद कराते वामदलो के नेता और कार्यकर्ता.

बिहार बंद के दौरान राजधानी पटना में हिंसक हुए प्रदर्शनकारी. पटना बाइपास में हाइवे एंबुलेन्स को प्रदर्शनकारियों ने पहुंचाया नुकसान, हाइवे एंबुलेन्स में की तोड़फोड़.

समस्तीपुर के मालगोदाम चौक, स्टेशन रोड में माले कार्यकर्ताओं ने निकाला जुलूस.

पूर्णिया जंक्शन पर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओ ने पूर्णिया-सहरसा ट्रेन रोकी. प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह जाम कर यातायात बाधित किया.

भोजपुर के आरा में CAA और NRC के खिलाफ बिहार बंद में के दौरानआरा-सासाराम मुख्य पथ को जाम कर जनप्रदर्शन करते माले कार्यकर्ता व नेता.

राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओंने अर्धनग्न होकरकिया प्रदर्शन. ट्रेन रोक कर जताया विरोध.प्रदर्शन करते हुए मुकेश साहनी गिरफ्तार.

पटना : नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में वामदलों के बिहार बंद को लेकर आज सुबह बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई जगह सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. बंद को महागठबंधन में शामिल आरजेडी को छोड़ कर कांग्रेस, रालोसपा, वीआइपी और हम ने समर्थन दिया है.
जानकारी के मुताबिक, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में वामदलों के बिहार बंद को लेकर आज सुबह बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी. राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल समेत दरभंगा के लहेरियासराय और सहरसा में ट्रेन रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी. राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जन अधिकार पार्टी व अन्य सहयोगी दलों के सदस्य सुबह पहुंचे और रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. इससे ट्रेन सेवा बाधित हो गयी. रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के खड़ी होने से पीछे वाली ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोकना पड़ा. वहीं, सहरसा में सुबह सात बजे प्लेटफार्म नंबर चार से खुल रही 63343 अप सहरसा-समस्तीपुर मेमो ट्रेन को करीब तीन दर्जन प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. करीब 20 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही. इस दौरान काफी संख्या में आरपीएफ, जीआरपी और जिला पुलिस के जवान तैनात थे. दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने कमला-गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक कर एनआरसी और सीएए को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे. वैशाली जिले के हाजीपुर में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांधी सेतु को जाम कर दिया. इससे गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गयीं.

मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 और एनआरसी के विरोध में वामदलों ने गुरुवार को बिहार बंद की घोषणा की थी. बंद को कांग्रेस, रालोसपा, वीआइपी और हम ने समर्थन देने की घोषणा की है. वाम दलों के नेताओं के साथ बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर रहे हैं. वामदलों के नेताओं ने कहा कि दवा की दुकान, अस्पताल और अस्पताल जा रही गाड़ियों को बंद से मुक्त रखा गया है. माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को व्यापक बंद की अपील को देखते हुए सीएए को वापस ले लेना चाहिए. इधर, बंद से निबटने के लिए सरकार ने सभी जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बिहार बंद को लेकर पुलिस अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. बंद के दौरान राज्यभर में कहीं भी हिंसा या उपद्रव करनेवाले पकड़े जायेंगे, तो उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाये. सभी चौक-चौराहों पर पुलिस की सख्त निगरानी की जाये. पुलिस मुख्यालय स्तर पर दिन भर मॉनीटरिंग की जायेगी. साथ ही अफवाह फैलानेवालों पर भी कार्रवाई होगी.
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने लोगों से अपील की है कि बिहार बंद को सफल बनाने में बिहारवासी सहयोग करें. वहीं, आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न साहू ने बिहार बंद का नैतिक समर्थन किया है. इधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी भी समाज या वर्ग को कोई नुकसान नहीं है. जबकि, सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, जो उन देशों के अल्पसंख्यक जुल्म और अत्याचार के साथ धार्मिक तौर पर प्रताड़ित होकर आये लोगों को सभी प्रकार के अधिकार देने के लिए नागरिकता देना है. उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित विस्थापित लोगों को अपने-अपने देशों में पूर्ण सुरक्षा देना था, जो अब तक नहीं किया जा सका. उसे मोदी सरकार ने 70 वर्षों बाद जमीन पर उतारने का काम किया है. नागरिकता संशोधन विधेयक 1955 को, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 11 वर्ष था, जिसे घटा कर पांच वर्ष किया गया है. खास समुदाय के लोगों कि राजनीति करनेवाली पार्टियों को अपने वोट बैंक को पक्का करने के लिए उनको वर्तमान सरकार के खिलाफ भड़काने और उनके अंदर डर भय पैदा करने का काम कर रहें हैं.
बीजेपी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि विपक्षी दलों का बिहार बंद सियासी नौटंकी है. बिहार के कुछ दलों की तरफ से बुलाया गया बंद चोरी और सीना जोरी वाली कहावत का प्रारूप है. ये दल भले ही लाख गला फाड़ कर लोगों के हित में बिहार बंद करने का दावा करें, लेकिन वास्तविकता यही है कि झूठ बोल जनता को भड़काने के बावजूद बिहार में फैली शांति देख इनके सीने पर सांप लोट रहे हैं. जनता इनकी असलियत अच्छे से जानती है, इसीलिए धरातल पर इस बंद को किसी का समर्थन नहीं है. परंतु, कुछ उपद्रवी तत्व इनके साथ जरूर आ सकते हैं. लोगों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है. बिहार की जनता जानती हैं इन दलों की बुनियाद ही तुष्टिकरण और भेदभाव पर टिकी है. इसलिए ये लोग एक तरफ घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से लाये गये नागरिकता संशोधन कानून पर झूठ बोल कर बिहार की शांति भंग करने की साजिश कर रहे हैं.