28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अलविदा विज्ञानी बाबू

महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह नहीं रहे. गुरुवार की सुबह उन्होंने पीएमसीएच में अंतिम सांस ली. लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित डॉ सिंह अपनी मेधा व प्रतिभा के चलते जन-मानस में रच बस चुके थे. लोग उन्हें ‘भारत के स्टीफन हॉकिन्स’ से लेकर ‘आइंस्टीन को चुनौती देने वाले शख्सियत’ के रूप […]

महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह नहीं रहे. गुरुवार की सुबह उन्होंने पीएमसीएच में अंतिम सांस ली. लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित डॉ सिंह अपनी मेधा व प्रतिभा के चलते जन-मानस में रच बस चुके थे. लोग उन्हें ‘भारत के स्टीफन हॉकिन्स’ से लेकर ‘आइंस्टीन को चुनौती देने वाले शख्सियत’ के रूप में रेखांकित करते थे. भोजपुर के एक गांव बसंतपुर से कैलिफोर्निया और फिर भारत वापसी के बीच उन्होंने मील के कई पत्थर गाड़े.

अलविदाविज्ञानी बाबू ! (उनके गांव में लोग उन्हें विज्ञानी बाबू के नाम से ही जानते थे.) आप बिहार के जनमानस में जिंदा रहेंगे. आपका जीवन उन मेधावी विद्यार्थियों को रोशनी देता रहेगा, जो अभावों के अंधेरे में अपनी प्रतिभा को तराशने की जद्दोजहद कर रहे हैं. आपका जीवन संघर्ष यह बताता रहेगा कि प्रतिभा को धरोहर मानकर सहेजा जाना चाहिए.

गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण िसंह जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ. उनके जाने से देश ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपनी एक विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है. विन्रम श्रद्धांजलि.
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण िसंह ने अपनी प्रतिभा से पूरे
विश्व में भारत और िबहार का नाम रोशन किया. उनका िनधन िबहार और देश के लिए अपूरणीय क्षति है.
-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
अहम तिथियां
1958 मैट्रिक की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान.
1963 हायर सेकेंडरी की परीक्षा में सर्वोच्च
स्थान
1964 इनके लिए पटना विश्वविद्यालय का कानून बदला. बीएससी फर्स्ट ईयर के स्थान पर अंतिम वर्ष की परीक्षा ली गयी. बीएससी.आनर्स में सर्वोच्च स्थान. करीब 98 फीसदी अंक आये.
1965 बर्कले विश्वविद्यालय में आमंत्रण दाखिला.
1966 नासा में.
1967 कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैथेमैटिक्स का निदेशक.
1969 द पीस आफ स्पेस थ्योरी विषयक तहलका मचा देने वाला शोध पत्र (पी.एच-डी.) दाखिल.
1971 भारत वापस
1972-73 आइआइटी कानपुर में प्राध्यापक, टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च (ट्रांबे) तथा स्टैटिक्स इंस्टीट्यूट के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन.
1973 शादी.
1974 जनवरी मानसिक दशा बिगड़ी, रांची मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती.
1978 सरकारी इलाज शुरू.
1980 सरकार द्वारा इलाज का पैसा बंद.
1982 डेविड अस्पताल में बंधक.
1989 गढ़वारा (खंडवा) स्टेशन से लापता.
1993 डोरीगंज (छपरा) में एक झोपड़ीनुमा होटल के बाहर फेंके गये जूठन में खाना तलाशते मिले.
2019 अक्तूबर मेंपीएमसीएच के आईसीयू में. (ठीक होकर घर लौटे).
14 नवंबर 2019 – निधन. सुबह आठ बजे, सांस लेने में दिक्कत, स्पताल पहुंचते ही मृत घोषित
आइंस्टाइन के सापेक्ष सिद्धांत को दी थी चुनौती
वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टाइन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गये, तब उन्होंने अपने कैलकुलेटर पर शेष गणना की. कंप्यूटर ठीक होने पर कंप्यूटर्स और उनके कैलकुलेटर का कैलकुलेशन एक था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें