पटना : एम्स और जिपमर समाप्त होने की घोषणा से मेडिकल की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स सिलेबस को लेकर परेशान हैं. अभी तक स्टूडेंट नीट के साथ-साथ एम्स और जिपमर की तैयारी पर ध्यान देते थे. मानव संसाधन विभाग की घोषणा के बाद स्टूडेंट जानना चाह रहे हैं कि आखिर एम्स और जिपमर समाप्त होने के बाद नीट का प्रश्नपत्र किस प्रकार होगा. प्रभात खबर ने इसके बारे में एक्सपर्ट से बातचीत की.
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स्टूडेंट नीट के पैटर्न को करें फॉलो एम्स के सिलेबस में न उलझें
पटना : एम्स और जिपमर समाप्त होने की घोषणा से मेडिकल की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स सिलेबस को लेकर परेशान हैं. अभी तक स्टूडेंट नीट के साथ-साथ एम्स और जिपमर की तैयारी पर ध्यान देते थे. मानव संसाधन विभाग की घोषणा के बाद स्टूडेंट जानना चाह रहे हैं कि आखिर एम्स और जिपमर समाप्त होने […]
एक्सपर्ट ने कहा कि इससे स्टूडेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है. आराम से नीट की तैयारी पर फोकस करें. पैटर्न में कोई बदलाव नहीं होगा. एम्स और जिपमर के सिलेबस को देखना बंद करें. नीट के सिलेबस पर फोकस रहने की जरूरत है. एनसीइआरटी बुक्स को ध्यान से पढ़ने की जरूरत है.
नीट सिलेबस पर स्टूडेंट्स करें फोकस : गोल इंस्टीट्यूट के एमडी विपिन सिंह ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार एम्स और जिपमर के साथ हिंदुस्तान के सभी मेडिकल कॉलेजों में छात्रों का नामांकन नीट रैंकिंग के आधार पर होगा.
इसलिए 2020 से एमबीबीएस कोर्स के लिए सिर्फ एक प्रवेश परीक्षा नीट आयोजित होगी. एम्स और जिपमर अब अलग से कोई टेस्ट नहीं लेगी. नीट की परीक्षा नेशनल टेस्ट एजेंसी(एनटीए) आयोजित करायेगी. जिस प्रकार नीट 2019 में प्रश्न पूछे गये थे, उसी लेवल के आधार पर 2020 में भी प्रश्न पूछे जायेंगे. नीट अपने पहले पैटर्न को ही फॉलो करेगा.
इसलिए छात्रों को एम्स द्वारा आयोजित की गयी परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों के लेवल के अनुसार नहीं, बल्कि नीट में पूछे गये प्रश्नों के लेवल के अनुसार तैयारी करने की जरूरत है.
अब हाइ लेवल फिजिक्स की तैयारी करने की नहीं है जरूरत : नीट 2020 में भी पहले की तरह फिजिक्स से 45, केमिस्ट्री से 45 और बायोलॉजी से 90 प्रश्न पूछे जायेंगे.
नीट द्वारा एम्स या जिपमर के पैटर्न को फॉलो नहीं किया जायेगा. साधारण ऑब्जेक्टिव प्रश्न नीट पूछेगा. यह बदलाव मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा. स्टूडेंट्स को जेनरल नॉलेज एवं एनालिटीकल रीजनिंग की तैयारी की जरूरत नहीं होगी. एम्स की तरह हाइ लेवल के फिजिक्स की तैयारी करने की जरूरत नहीं होगी.
साल में मिलेगा एक ही मौका
विपिन सिंह ने कहा कि एक साथ सभी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब काउंसेलिंग होगी. इससे कई कॉलेजों में जो सीट खाली रह जाती थी, अब नहीं रहेगी. ये सीटें मेधावी छात्रों को मिल जायेंगी. स्टूडेंट्स को अलग-अलग फॉर्म भरने से भी निजात मिल गयी है.
इसके साथ एक परीक्षा होने से स्टूडेंट्स को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए साल में एक मौका ही मिलेगा. दूसरा चांस नहीं मिल पायेगा. पहले नीट की परीक्षा खराब चली गयी, तो एम्स और जिपमर के एग्जाम में बेहतर करने का मौका मिल जाता था.
नीट 2019 में 180 प्रश्नों में से पांच प्रश्नों को छोड़कर सभी प्रश्न एनसीइआरटी से पूछे गये थे. 2020 में भी नीट के अपने पुराने पैटर्न को ही फॉलो करने की संभावना है. इसलिए स्टूडेंट्स एनसीइआरटी की पुस्तकों से ही तैयारी करें. नीट की परीक्षा में एक्युरेसी मेंटेन करना आवश्यक है. इसलिए छात्र प्रैक्टिस द्वारा एक्यूरेसी सुधारने पर अवश्य ध्यान दें.
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