फुलवारीशरीफ : पटना एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. इस समस्या को दूर करने के लिए एम्स द्वारा चलाये जा रहे टेली मेडिसिन से ब्रेन स्ट्रोक का इलाज हो. ब्रेन स्ट्रोक को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लानी होगी. वह शनिवार को पटना एम्स के न्यूरो सर्जरी, न्यूरो मेडिसिन की ओर से ब्रेन स्ट्रोक के कारण और निदान कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे.
आइआइजीएमएस के पूर्व निदेशक डाॅ अजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार को चाहिए कि जिस तरह से पोलियो उन्मूलन के लिए डोर-डोर कर्मी जाते हैं उसी तरह घर-घर जाकर मधुमेह, रक्तचाप की जांच करें. एम्स के न्यूरो सर्जन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ विकास चंद्र झा ने कहा कि दिमाग में खून का धब्बा बन जाने के बाद तुरंत इसकी पहचान करें और नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराएं. अगर ब्रेन स्ट्रोक का अटैक होता है तो साढ़े चार घंटे के अंदर इलाज शुरू हो जाये तो 90 प्रतिशत मरीज बच सकते हैं.
न्यूरो मेडिसिन विभाग के हेड डॉ गुंजन कुमार ने ब्रेन स्ट्रोक या लकवा के बारे में जानकारी दी. मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ देवेंदु भूषण ने कहा कि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज लेवल बढ़ना स्ट्रोक का प्रमुख कारण है. मौके पर अधीक्षक डाॅ सीएम सिंह, डॉ एके अग्रवाल, डॉ संजीव कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ रवि कीर्ति, डॉ रविभूषन शर्मा, डॉ पंकज कुमार, डॉ प्रशांत कुमार सिंह, डॉ संजय पांडे, डॉ रीना श्रीवास्तव, डॉ संगम झा समेत अन्य डाॅक्टर मौजूद थे.