फुलवारीशरीफ : जलवायु के अनुसार खेती और पशुपालन होना चाहिए. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि कहा कि राज्य का प्रत्येक जिला का अलग-अलग कृषि जलवायु पारिस्थितिकी है.
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जलवायु के अनुसार हो खेती और पशुपालन: प्रेम कुमार
फुलवारीशरीफ : जलवायु के अनुसार खेती और पशुपालन होना चाहिए. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि कहा कि राज्य का प्रत्येक जिला का अलग-अलग कृषि जलवायु पारिस्थितिकी है. इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक जिला के जलवायु के अनुसार कृषि कार्य, पशुधन तथा कृषि प्रणालियों को विकसित करना पड़ेगा. डॉ कुमार बुधवार […]
इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक जिला के जलवायु के अनुसार कृषि कार्य, पशुधन तथा कृषि प्रणालियों को विकसित करना पड़ेगा. डॉ कुमार बुधवार को बामेती सभागार में सामरिक अनुसंधान एवं विस्तार योजना विषय पर मास्टर ट्रेनर के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे. कृषि मंत्री ने कहा कि अनुसंधान और विस्तार, दोनों ही विधाओं का प्रमुख उद्देश्य कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है.
उत्पादकों की अपेक्षा के आधार पर विस्तार और अनुसंधान तैयार करने के परिणामस्वरूप प्रौद्योगिकी विकसित होती है. कृषक समूहों और संगठनों के माध्यम से बाजार और संसाधनों को कृषकों की पहुंच में वृद्धि किया जाना चाहिए. किसान पाठशाला, किसान गोष्ठी एवं किसान वैज्ञानिक वार्तालाप सहित अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन आत्मा योजना के माध्यम से राज्य, जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर सरकार द्वारा कराया जाता है.
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